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लालू के बर्थडे के दिन ही बीजेपी ज्वाइन करेंगे उनकी पार्टी के ये नेता

जीतन राम मांझी सरकार में सम्राट चौधऱी नगर विकास मंत्री थे. वहीं, कभी खास रहे पूर्व मंत्री बसावन भगत भी लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के पाले में जाने वाले हैं.

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लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

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बिहार चुनाव होने में अभी वक्त है, लेकिन इससे पहले पार्टी बदलने की सियासत अचानक तेज हो गई है. कभी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बाद में नीतीश कुमार के खेमे में शामिल हुए एक युवा नेता सम्राट चौधरी बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं. हांलाकि जनता दल (यू) छोड़कर उनके पिता शकुनी चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री जीतराम मांझी की पार्टी 'हम' में शामिल हो गए थे. फिलहाल वह हम के प्रदेश अध्यक्ष हैं. सम्राट चौधऱी जेडीयू कोटे से एमएलसी है.

जीतन राम मांझी सरकार में सम्राट चौधऱी नगर विकास मंत्री थे. वहीं, कभी खास रहे पूर्व मंत्री बसावन भगत भी लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के पाले में जाने वाले हैं. पार्टी ज्वाइन करने की जो तारीख दोनों नेताओं ने चुनी है, उसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है. 11 जून को लालू प्रसाद का जन्मदिन है और इसी मौके पर दोनों नेता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. आरजेडी के पुराने नेता बसावन भगत लालू यादव की सरकार में मंत्री और आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष थे.

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बसावन भगत आरजेडी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. पार्टी के लिए उन्होंने काफी काम किया है और लालू के बेहद करीबी माने जाते हैं. बताया जा रहा है कि ये दोनों नेता बीजेपी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करेंगे. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मोर्य के द्वारा बिहार में कोरी-कुशवाहा वोट बैंक पर बीजेपी की नजर है.

बिहार की राजधानी पटना में एक तरफ जहां लालू यादव के जन्मदिन की बधाई के पोस्टर लहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इन दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने के पोस्टर भी जगह-जगह चिपकाए गए हैं. चर्चा है कि आरजेडी और जेडीयू के कई और नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हाल में कांग्रेस की पूर्व विधायक सुनीता देवी ने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन किया था. सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गरम है कि लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले का केस दोबारा खुलने की वजह से पार्टी के अंदर नेताओं में खलबली मची हुई है. हालांकि यह बात साफ है कि आरजेडी के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और कई नेता अभी से अपना पाला बदले की फिराक में हैं.

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