बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से मौतें होने के मामले में राजनीति गरमा गई है. इस केस की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) करेगा. रविवार को NHRC के जांच के फैसले पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बयान दिया है और महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है. राय ने कहा कि NHRC एक स्वायत्त निकाय है और इसे स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार है. 72 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. सरकार मौतों की संख्या को छिपाने की कोशिश कर रही है. मैं नीतीश कुमार से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दूसरों को दोष नहीं देने का आग्रह करता हूं.
राय ने कहा कि इस केस में NHRC ने स्वत: संज्ञान लिया है. राज्य सरकार आंकड़े छिपा रही है. मैं नीतीश कुमार से आग्रह करूंगा कि आप व्यंग की भाषा छोड़कर दोषियों पर कार्रवाई कीजिए. बिहार BJP ने ट्वीट किया- नीतीश कुमार शराबबंदी में सफल तो नहीं हो सकें, लेकिन मौतों को आकड़ेबाजी की बाजीगरी से दबाना चाहते हैं. जहरीली शराब से मौतों को ठंड के कारण मौत घोषित करने में लगा है प्रशासन.
छपरा में एक सदस्यीय टीम भेजेगा NHRC
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तय किया है कि वो छपरा समेत अन्य जिलों में जहरीली शराब केस की जांच के लिए मौके पर एक सदस्यीय टीम भेजेगा. आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है. उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते हैं, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि जहां कहीं भी उपलब्ध हो, उन्हें सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए.
4 सप्ताह में रिपोर्ट तलब
आयोग राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत कार्यों के बारे में जानकारी लेगा है और पूरे राज्य में अवैध शराब बनाने वाले हॉट स्पॉट को खत्म करने के बारे में चर्चा करेगा. आयोग ने बिहार सरकार से मुख्य सचिव और डीजीपी के जरिए कथित घटना में चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
आयोग का कहना है कि बिहार सरकार ने अप्रैल, 2016 में राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसलिए ऐसी घटनाओं से संकेत मिलता है कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है. राज्य सरकार से रिपोर्ट में यह पता किया जाएगा कि प्रभावितों को चिकित्सा उपचार दिया गया है या नहीं. क्योंकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजा दिया गया या नहीं. इस केस में प्राथमिकी दर्ज हुई या नहीं और मामले में लापरवाही पाए जाने पर अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 17 दिसंबर, 2022 को सीवान जिले में पांच और बेगूसराय जिले में एक की मौत की सूचना मिली थी. जबकि सारण जिले में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है. 14 दिसंबर को हुई जहरीली शराब त्रासदी में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है.
31 अफसरों की टीम कर रही जांच
जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. एक अतिरिक्त एसपी इस टीम का नेतृत्व करेंगे. पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि एसआईटी में 31 पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है. इसमें तीन डीएसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं. सारण के डीएम राजेश मीणा ने कहा कि पिछले 48 घंटों में जिले भर में छापेमारी कर 126 शराब व्यापारियों को पकड़ा गया है. 4000 लीटर से ज्यादा अवैध शराब भी जब्त की गई है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार की बात भी सामने आई है.