Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी को लेकर चल रही उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है. अब केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) सुप्रीमो पशुपति पारस ने बिहार में शराबबंदी की पोल खोली है. पारस ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कबूल किया कि बिहार में शराब खूब मिल रही है.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि बिहार में दारू खूब मिलती है. उन्होंने उलटा सवाल किया कि कौन कहता है बिहार में दारू नहीं मिलती? उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि बिहार में शराबबंदी लागू है, इसके बावजूद गलत तरह से धड़ल्ले के साथ शराब मिल रही है.
अवैध तरीके से उपलब्ध हो रही शराब
पारस ने आगे कहा कि बिहार में अवैध तरीके से शराब उपलब्ध हो रही है. इस वजह से ही भारी संख्या में रोजाना शराब की बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी जाती है. अवैध शराब मिलने के कारण ही लोग शराब पीकर पकड़े जा रहे हैं. पारस ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद अवैध तरीके से शराब बनाई जा रही है और सेवन भी हो रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस लगातार शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और शराब पीने वाले लोगों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है.
14 दिन पहले किया था कानून में संशोधन
बता दें कि बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2022 को शराबबंदी कानून में संशोधन किया था. इसके तहत सरकार ने पहली बार शराब पीने वालों पर 2,000 रुपये से 5,000 रुपये तक का जुर्माना और दूसरी बार शराब पीने वालों को एक साल जेल की सजा देने फैसला किया था.
पहले था 50 हजार रु. जुर्माने का प्रावधान
मध निषेध एवं उत्पाद कानून में 2018 में किए गए संशोधन के मुताबिक, पहली बार शराब पीने वाले किसी व्यक्ति को 50000 रुपये जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान था. लेकिन 2022 में नए संशोधन के बाद अब जुर्माने की राशि को 2000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक कर दिया गया है. नए संशोधन के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीने के बाद जुर्माने की रकम नहीं भरता है तो उसे एक महीने के लिए जेल की सजा का प्रावधान है.