जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की इस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तकरार चल रही है. ये तकरार इतनी बढ़ चुकी है कि अटकलें लग रही हैं कि क्या कुशवाहा बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. अब उन तमाम अटकलों पर खुद उपेंद्र कुशवाहा ने ही विराम लगा दिया है. जोर देकर कहा गया है कि वे पार्टी छोड़कर कही नहीं जाने वाले हैं. उन्हें कुछ मुद्दों पर नाराजगी जरूर है, लेकिन वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे.
उपेंद्र कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि वह आए गए वाले नेता नहीं हैं. नीतीश कुमार जब कभी कमजोर हुए उन्होंने कुशवाहा को खुद बुलाया है. अब इस एक अकेले बयान के जरिए उन्होंने साफ कर दिया है कि उनकी नीतीश की राजनीति में अहम भूमिका है. उनका योगदान भी काफी बड़ा है. वैसे कुशवाहा ने सीएम पर निशाना साधते हुए यहां तक कह दिया है कि वे कुछ सीमित नेताओं के बीच में बैठे रह गए हैं. उनके मुताबिक हर बार उन्होंने ही बातचीत की पहल की, सीएम द्वारा कभी कोई कदम नहीं उठाया गया.
इस बारे में कुशवाहा बताते हैं कि नीतीश कुमार ने पिछले 2 साल में कभी भी उन्हें कोई फोन नहीं किया. जब कभी भी बातचीत हुई तो पहल उनकी तरफ से की गई. नीतीश कुमार 30 में से 29 दिन कुछ नेताओं के साथ बैठे रहते हैं लेकिन उनके पास उपेंद्र कुशवाहा को देने के लिए वक्त नहीं है. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी मर्जी से काम करें. वह कुछ लोगों के प्रभाव में आकर काम कर रहे हैं और इससे पार्टी का बुरा हो रहा है. इसी वजह से उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाए जाने की मांग की.
अभी तक नीतीश कुमार की तरफ से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन इस बयानबाजी ने पार्टी के अंदर ही एक सियासी लड़ाई शुरू कर दी है.
शशि भूषण की रिपोर्ट