उरी हमले के शहीद जवानों के परिजनों के लिए बिहार सरकार की ओर से दी गई आर्थिक सहायता को लेने से एक परिवार ने मना कर दिया है. उरी हमले में शहीद हवलदार अशोक कुमार सिंह की पत्नी संगीता देवी ने इस आर्थिक सहायता को शहीद के परिवार का अपमान बताया है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उरी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों के लिए 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है.
हम भिखारी नहीं है जिसे सरकार से मूंगफलियां चाहिए
सगींता देवी ने कहा, "क्या मेरा पति कोई शराबी था जिसने नाले में गिरकर जान दे दी. राज्य में किसी हादसे में कोई आम नागरिक भी जान गंवाता है तो उसके घरवालों
को 4 लाख रुपए मुआवजा दिया जाता है. मेरा पति शहीद है. मुझे नहीं चाहिए नीतीश कुमार की आर्थिक सहायता.'
संगीता देवी ने ध्यान दिलाया कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में शहीदों के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता बिहार सरकार के एलान से कहीं ज्यादा है. संगीता देवी ने कहा, "हम भिखारी नहीं है जिसे सरकार से मूंगफलियां चाहिएं. हम आत्मनिर्भर हैं, नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि वो हमें क्या दे रहे हैं?'
नाराजगी का पता चलने पर आर्थिक सहायता बढ़ा कर 11 लाख की
बिहार के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी मंत्री जय कुमार सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद हवलदार अशोक के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के भेजा था. लेकिन जब
जय कुमार सिंह को परिवार की नाराजगी का पता चला तो उन्होने शहीद के घर के अंदर जाने से बचना ही बेहतर समझा. मंत्री ने तत्काल मुख्यमंत्री को फोन पर
परिवार की नाराजगी से अवगत कराया. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार से शहीद तीनों जवानों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता बढ़ा कर 11-11 लाख
रुपए करने का एलान किया.
2013 में तय हुई थी शहीदों के परिजनों की आर्थिक सहायता की राशि
मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा, मैंने सीएम से बात की उन्होंने तत्काल आर्थिक सहायता बढ़ा कर 11 लाख कर दी. ये सरकार की 2013 की बनी पॉलिसी है जिसमें हर
शहीद के परिवार को 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान था.
हवलदार अशोक कुमार सिंह बिहार रेजीमेंट की 6वीं बटालियन में तैनात थे. रविवार को जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादियों के हमले में हवलदार अशोक शहीद हो गए थे. इस हमले में हवलदार अशोक के अलावा बिहार से दो और जवान भी शहीद हुए.