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बिहार: हाईवे पर बह रही गंगा, अथमलगोला की कई पंचायतें भी बाढ़ की चपेट में

राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से सटे सबनीमा, रामनगर करारी, गंजपर और रानीसराय समेत अन्य पचायतों में भी गंगा नदी का पानी तेजी से फैलना शुरू हो गया है. आलम ये है कि साल 2016 में गंगा में आई भीषण बाढ़ जैसे हालात इस बार भी दिखने लगे हैं.

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निचले इलाकों में पानी भरने के बाद सुरक्षित स्थानों पर ले जाए रहे लोग
निचले इलाकों में पानी भरने के बाद सुरक्षित स्थानों पर ले जाए रहे लोग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेशनल हाईवे 31 पर 1.5 फीट तक बह रहा पानी
  • गांवों में भी भरा पानी, कैंप में रहने को मजबूर लोग

लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. पटना और अथमलगोला में कई पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गई हैं. गंगा किनारे बसे इलाके पूरी तरह से जलमग्न हैं. रामनगर दियारा पंचायत भी पूरी तरह से गंगा के सैलाब में आ गया. हालत ये हैं कि नेशनल हाईवे पर भी गंगा बहने लगी है. 

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राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से सटे सबनीमा, रामनगर करारी, गंजपर और रानीसराय समेत अन्य पचायतों में भी गंगा नदी का पानी तेजी से फैलना शुरू हो गया है. आलम ये है कि साल 2016 में गंगा में आई भीषण बाढ़ जैसे हालात इस बार भी दिखने लगे हैं. 

हाईवे पर 1.5 फीट बह रही गंगा

अथमलगोला में सबनीमा गांव के पास राजमार्ग 31 पर करीब डेढ फीट गंगा बह रही है. गाड़ियां किसी तरह धीरे धीरे हाईवे से गुजर रही हैं. हाईवे पर पानी आने की वजह से दूसरे किनारे पर स्थित पंचायतों में भी पहुंचने लगा है और हर जगह बाढ़ के हालात बनने लगे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर जगह-जगह गंगा का बहाव होने लगा है. आशंका जताई जा रही है कि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हाईवे पर परिचालन कभी भी ठप हो सकता है.

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दूसरी ओर रामनगर दियारा पंचायत के हजारों बाढ़ प्रभावित लोग इधर-उधर शरण लेने को मजबूर हैं. इनके बीच राहत वितरण नाकाफी साबित हो रहा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा शिविर मुख्य सड़क के किनारे लगाया गया है. जहां भोजन करने की व्यवस्था है. लेकिन सैकड़ों लोग बाढ़ की वजह से घर पर फंसे हैं. ऐसे में उनतक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही. 

पटना में भी गंगा विकराल

उधर, पटना में गंगा नदी विकराल रूप धारण किये हुए है. पटना सदर अनुमंडल में नकटा दियारा पंचायत भी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गई है. आनन फानन में रातो-रात जिला प्रशासन ने रेस्क्यू कर दीघा घाट पर कैंप बनाकर बाढ़ पीड़ितों को रखा है. दरअसल, इस नकटा दियारा पंचायत में रहने वाले लोग ही पटना की आधी आबादी को दूध और सब्जी की आपूर्ति करते हैं. ऐसे में लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 

कैंप में रखने पड़ रहे पशु

कैंप में इन लोगों के पशुओं को भी रखा गया है. लेकिन ये पशु बाढ़ पीड़ितों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. दरअसल, पशुओं को खिलाने के लिए लोगों को कर्ज लेना पड़ रहा है. साथ ही ग्राहक ना मिलने के चलते ये लोग दूध भी नहीं बेच पा रहे हैं. ऐसे में इन लोगों को फ्री में दूध बेचना पड़ रहा है.   
 

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