बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में आने वाले समय में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान बढाने के उपाय किए जाएंगे और विनिर्माण उद्योगों की परियोजनाओं के तीव्र क्रियान्वयन के लिए एकल खिड़ी व्यवस्था की जाएगी.
मुख्यमंत्री सचिवालय सभा कक्ष में आयोजित मासिक उद्यमी पंचायत के बाद उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश अर्थव्यवस्था में विनिर्माण (कारखाना) क्षेत्र के योगदान को बढाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बिहार की दस प्रतिशत से ऊपर चल रही आर्थिक वृद्धि में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान निश्चित और स्पष्ट रूप से बढे़गा.
वर्मा ने बताया कि बिहार के वृद्धि दर में इस समय निर्माण और वाणिज्य एवं व्यापार तथा सरकारी निवेश का योगदान है. विनिर्माण क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में योगदान 16 प्रतिशत है इसे नयी विनिर्माण परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा देकर विस्तृत किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य औद्योगिक विकास बोर्ड (एसआईपीबी) द्वारा 301.39 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रताव वाली 1015 इकाईयों को मंजूरी प्रदान की गयी है. इनमें से 233 इकाईयों में जिसमें 5021 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है और 90 इकाईयां उत्पादन शुरू कर चुकी है. 143 पर काम जारी है.
वर्मा ने बताया कि बैठक का केंद्र बिंदू खाद्य प्रसंस्करण था और मुख्यमंत्री का जोर था कि बिहार से उत्पादित खाद्यान्नों की ब्रांडिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रिसोर्स मैपिंग करने का निर्देश दिया है.