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बिहार को बाढ़ से राहत के आसार, मौसम विभाग ने पटना समेत कई जिलों से हटाया अलर्ट

मौसम विभाग ने राजधानी पटना समेत अन्य जिलों के लिए जारी हाई अलर्ट हटा लिए हैं. मौसम विभाग ने शाम तक स्थिति सामान्य हो जाने का अनुमान जारी किया है.

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बिहार में बाढ़ के कारण पलायन करते पीड़ित (फोटोः पीटीआई)
बिहार में बाढ़ के कारण पलायन करते पीड़ित (फोटोः पीटीआई)

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  • मौसम विभाग का पूर्वोत्तर बिहार में भारी बारिश का अनुमान
  • पटना समेत अन्य इलाकों में स्थिति सामान्य होने की संभावना

भारी बारिश के कारण बाढ़ से बेहाल बिहार को राहत मिलने के आसार हैं. मौसम विभाग ने राजधानी पटना समेत अन्य जिलों के लिए जारी हाई अलर्ट हटा लिया है. मौसम विभाग ने शाम तक स्थिति सामान्य हो जाने का अनुमान जारी किया है .

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मृत्युंजय महापात्र ने आजतक से बातचीत में कहा है कि बिहार में भारी बारिश के सभी अलर्ट अब खत्म हो गए हैं. उन्होंने कहा कि निरंतर मॉनसून की गतिविधि बिहार के ऊपर से धीरे-धीरे हट रही है.

हालांकि मौसम विभाग का यह भी कहना है कि पूर्वोत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में आज शाम को भारी बारिश की संभावना है, लेकिन राज्य के दूसरे इलाकों में अब बारिश नहीं होगी .

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सितंबर में औसत से अधिक हुई बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब सितंबर में इतनी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस साल सितंबर में मॉनसून की बारिश औसत से लगभग 48 फीसदी अधिक हुई है, जो चिंताजनक है.

महापात्र ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने मॉनसून के इस पैटर्न पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह अपने आप में ऐतिहासिक घटना है, जब मॉनसून विड्राल यानी मॉनसून के लौटने की दशा में इतना बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है.

अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बनी रहेगी बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक अमूमन सितंबर तक मॉनसून वापस चला जाता था लेकिन इस बार मॉनसून विड्रॉल की यह स्थिति कुछ ज्यादा लंबी खिंच गई है. महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक अक्टूबर के पहले सप्ताह तक ही मॉनसून का विड्रॉल पूरा हो सकेगा .

इसके चलते कुछ इलाकों में बारिश की संभावनाएं बनी रहेंगी. बिहार के लिए भारी बारिश से भले ही राहत के संकेत मिल गए हों, लेकिन दूरगामी तस्वीर बेहद चिंताजनक है. इससे मौसम विभाग भी इनकार नहीं कर रहा है.

मॉनसून के बदले पैटर्न की वजह पर्यावरण में बदलाव

पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर आईपीसीसी की रिपोर्ट बताती है कि पर्यावरण में तजी से बदलाव हो रहा है. इसके चलते ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जो कि समंदर में बढ़ते जल स्तर का कारण है. मौसम विभाग भी आईपीसीसी की रिपोर्ट को खारिज नहीं कर रहा.

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मृत्युंजय महापात्र ने आईपीसीसी की रिपोर्ट पर बात करते हुए कहा कि मॉनसून के बदले पैटर्न की वजह पर्यावरण में हो रहा बदलाव भी है . उन्होंने कहा कि अगर इस पैटर्न को समझा जाए तो इशारा साफ है कि आने वाले सालों में मध्य भारत में भारी बारिश की संभावनाएं बढ़ती दिखाई पड़ रही हैं.

उन्होंने कहा कि इसके कारण बाढ़ की स्थिति लगातार सामने आती रहेगी. उन्होंने कहा कि अचानक ज्यादा तेज होने वाली बरसात की घटनाओं में इजाफा हुआ है . इससे बाढ़ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.

जल्द नहीं उठाए कदम तो हर साल तबाही मचाएगी बाढ़

मौसम विभाग के निदेशक ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो मध्य भारत के राज्यों में हर साल बाढ़ तबाही मचाएगी .

बता दें कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण पिछले तीन दिन में ही बिहार में लगभग दो दर्जन लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश में भी सौ से अधिक लोग काल के गाल में समा चुके हैं.

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