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Lalu case Details: जानिए क्या है land for job scam case? जिसमें सीबीआई ने लालू-राबड़ी और मीसा के यहां छापेमारी की

land for job scam case: यह मामला उस वक्त का है, जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव के यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में रिश्वत के तौर पर जमीन ली थी.

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लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का नया मामला किया दर्ज
लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का नया मामला किया दर्ज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CBI ने लालू के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला किया दर्ज
  • सीबीआई की FIR में लालू, राबड़ी और मीसा का भी नाम

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद चीफ लालू प्रसाद यादव के लिए नई मुसीबत पैदा हो गई है. दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ नया केस दर्ज किया है. ये केस land for job scam यानी रेलवे में नौकरी के बदले प्रॉपर्टी लेने से जुड़ा है. सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को लालू यादव के पटना, गोपालगंज और दिल्ली में करीब 17 ठिकानों पर छापे मारे. आईए जानते हैं आखिर ये Land for job scam case क्या है?

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यह मामला उस वक्त का है, जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव के यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में रिश्वत के तौर पर जमीन ली थी. बताया जा रहा है कि सीबीआई के पास अब तक इस तरह के कम से कम एक दर्जन मामलों के सबूत हैं. 

सीबीआई की FIR में लालू, राबड़ी और मीसा का भी नाम

सीबीआई ने आरोपों के बाद शुरू में जांच की थी. इसके बाद अब FIR दर्ज की गई है. सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधान ) के तहत मामला दर्ज किया है. आरोप हैं कि रेलवे में नौकरियां दिलाने के एवज में लालू यादव के परिवार को कई प्राइम प्रॉपर्टी मिलीं. 
 
सीबीआई की एफआईआर में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों के नाम हैं, जिन्हें प्रॉपर्टी के बदले में नौकरी मिली थी. बताया जा रहा है कि यादव परिवार ने नौकरी दिलाने के नाम पर प्राइम लोकेशन पर जमीन ली गई. सीबीआई ने कुछ उम्मीदवारों की गवाही भी ली है. 

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लालू की जेल से रिहाई के कुछ हफ्ते बाद पड़े छापे

सीबीआई की ये छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब कुछ हफ्तों पहले ही झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद लालू यादव जेल से बाहर आए हैं. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत मिली थी. यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का था. 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल फरवरी में इस घोटाले पर फैसला सुनाया था, जिसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था. इस मामले में लालू यादव को पांच साल की सजा हुई है.

RJD ने बीजेपी पर लगाए आरोप

लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर RJD विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि जिस तरीके से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच में इफ्तार पार्टी के बाद दूरियां कम हुई है और दोनों साथ नजर आते हैं इससे बीजेपी परेशान है. रोशन ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर ही सीबीआई की छापेमारी चल रही है. रोशन ने कहा कि बीजेपी लालू परिवार को परेशान और तंग करने के इरादे से रेड करवा रही है. 

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उधर, शिवानंद तिवारी ने इन छापों को लेकर कहा, सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नजदीकी भाजपा को असहज कर रही है! छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है. 
 

 

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