गंगा मैया के रौद्र रुप से भले ही बिहार में त्राहिमाम मचा हो लेकिन गंगा मैया ने कई मां के दर्द का ऐसा निवारण किया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती. कई मामले आए जिसमें एक मां के दर्द को मां गंगा ने दूर किया और उसमें संकटमोचन का काम किया एनडीआरएफ की टीम ने.
दर्द से कराहती महिला को उसके दर्द से छुटकारा दिलाया एनडीआरएफ के सदस्यों ने. एक बार फिर एनडीआरएफ की टीम के सहयोग से एक मां ने एक लाल को पैदा किया. अगर एनडीआरएफ की टीम ना होती तो शायद ये लाल आज नहीं होता.
राघोपुर की कहानी
ये कहानी है बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर की. जहां दर्द से कराह रही एक महिला को एनडीआरएफ की टीम ने मदद दी. तब जाकर उसने एक लाल को पैदा किया. बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगी एनडीआरएफ की टीम को राघोपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी से सूचना मिली कि एक गर्भवती महिला की हालत खराब है. राघोपुर प्रखंड के वीरपुर गांव के दिलीप ठाकुर की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने की सूचना राघोपुर बीडीओ ने एनडीआरएफ टीम को दी. फिर क्या था, एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और आनन-फानन में महिला और उसके पति दिलीप को नाव पर बिठाकर पटना के लिए रवाना हो गई.
नाव पर ही प्रसव की तैयारी
रास्ते में महिला की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई. जिससे एनडीआरएफ के सदस्य की चिंता और बढ़ गई. तब जाकर एनडीआरएफ के सदस्यों ने महिला के प्रसव की तैयारी नाव पर ही की और महिला ने नाव पर ही बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद एनडीआरएफ ने महिला को पास के ही कच्ची दरगाह के अस्पताल में पहुंचाया, जहां जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
घर में लाल के पैदा होने से दिलीप ठाकुर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दिलीप ठाकुर ने दिल से एनडीआरएफ की टीम के सदस्यों का आभार प्रकट किया और कहा कि अगर एनडीआरएफ की टीम ना होती तो हो सकता है आज उसकी पत्नी उसके बीच नहीं होती. लेकिन ये भगवान का शुक्र कहिए कि आज उसके घर में लाल की किलकारी सुनाई दे रही है और पत्नी भी ठीक है.