RJD के बिहार बंद के दौरान आम जनता तो परेशान हुई ही. जाम की वजह से एक मरीज की भी मौत हो गई. सवाल ये उठता है कि आखिर RJD ने बिहार बंद क्यों किया, जबकि बिहार सरकार ने बंद से एक दिन पहले ही जिस नई खनन नीति का RJD विरोध कर रही थी, उसे वापस ले लिया है. ऐसे में बंद की आवश्यता क्यों? इसलिए ताकि अपनी राजनीति चमकाई जाए? RJD के इस विरोध के चलते एक महिला की जान चली गई.
नई खनन नीति के खिलाफ RJD के कार्यकर्ताओं ने पूरे बिहार में जगह-जगह पर जाम लगाया. RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एम्बुलेंस और स्कूल बसों को बंद से अलग रखा था. इसके बावजूद समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण एक महिला की मौत हो गई . मृतक महिला सोमारी देवी, महनार की रहने वाली थी. उसके परिजन गंभीर हालत में पटना लेकर जा रहे थे. लेकिन RJD की बंद की वजह से एम्बुलेंस जाम में फंस गया, जिसकी वजह से महिला की मौत हाजीपुर के पास गांधी सेतु टोल प्लाजा के पास हो गई.
मरीज की मौत के बाद कोहराम मच गया. परिजनों का कहना है कि वो बंद समर्थकों से गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. पुलिस से गुहार लगाई, उन्होंने भी अनसुना कर दिया. एम्बुलेंस मरीज को पटना पहुंचने के लिए सुबह 7 बजे से जाम में फंसी रही. आखिरकार कई घंटों तक मरीज को प्रोपर इलाज न मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई.
बिहार बंद होता है तो सबसे पहले गांधी सेतु को जाम किया जाता है, जिसकी वजह से उत्तर बिहार से आने वालों को दिक्कत होती है. आज के बंद में पार्टी के सुप्रीमों के आदेश के बावजूद दर्जनों एम्बुलेंस गांधी सेतु पर फंसी रहीं, जिसमें सोमारी देवी की मौत हो गई.
सोमारी देवी के बेटे सुमित कुमार ने बताया कि उनकी मां को हार्ट अटैक आया था. सुबह 7 बजे महनार से निकले, लेकिन गांधी सेतु के पाया नम्बर एक के पास एम्बुलेंस घंटों जाम में फंसी रही तमाम कोशिश के बावजूद वो निकल नहीं पाए और उनकी मां की मौत हो गई .
शर्मसार करने वाली बात ये है कि एक तरफ बंद को सफल बनाने के लिए RJD के कार्यकर्ता गाना बजाना कर रहे थे, तो दूसरी तरफ मरीज दम तोड़ रही थी. आखिर इस मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी के युवा नेता कहते हैं कि उन्हें विश्वास नहीं है कि सरकार ने नई खनन नीति को वापस लिया है. वो गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन उन्हें पता नहीं उनके इस बंद से कितने गरीबों की आज की कमाई खत्म हो गई. किसी की जान चली गई .