विश्व बैंक ने बिहार में हो रहे विकास की तारीफ करते हुए कहा कि वह विकास कार्यों को और गति प्रदान करने के लिए इसे उपलब्ध कराए जाने वाले कम ब्याज वाले रिण को अगले कुछ वर्षों के दौरान दोगुना किए जाने पर वह विचार कर सकता है.
विश्व बैंक के कंट्री निदेशक ओन्नो रूहल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने बेहतर तरक्की की है और प्रदेश का विकास दर दो अंकों में पहुंच गया है.
उन्होंने बिहार में विधि व्यवस्था और आधारभूत संरचना के विकास के साथ नीतीश के मानव संसाधन विकास को प्राथमिकता दिए जाने की तारीफ की.
ओन्नो ने कहा कि बिहार तेजी के साथ विकास करे इसके लिए यहां बडे पैमाने पर निवेश की जरूरत है और केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हमें यहां निवेश बढ़ाने को कहा है.
उन्होंने कहा कि बिहार हमारे लिए महत्व रखता है और हम अगले कुछ वर्षों के दौरान इस प्रदेश को मिलने वाली सहायता राशि को दोगुना करने पर विचार कर सकते हैं जो कि वर्तमान में 50 करोड़ डालर है.
ओन्नो ने कहा कि बिहार सरकार को वर्तमान में शिक्षक प्रशिक्षण, बालिकाओं के लिए माध्यमिक शिक्षा और स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में विदेशी मदद दी जा रही है तथा और जिन क्षेत्रों में विकास किए जाने की आवश्यक्ता है विश्व बैंक के कर्मी उसकी पहचान करेंगे.
ओन्नो रूहल ने कहा कि धार्मिक और विरासत पर आधारित पर्यटन में रोजगार और लोगों के आर्थिक लाभ की बेहतर संभावना को देखते हुए वर्ल्ड बैंक उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर वहां बुद्धिस्ट सर्किट के विकास पर काम कर रहा है और वह चाहेंगे कि इस परियोजना का विस्तार बिहार में भी हो.
ओन्नो ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि शहरीकरण वाले राज्यों में वैसे राज्यों जहां की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है तेजी से विकास हुआ है.
उन्होंने बिहार सरकार को सुझाव दिया कि वह गांवों से पलायन करने वाले लोगों को नगरों और शहरों में जगह मिल सके इसके लिए वहां आधारभूत संरचना के विकास और अन्य सुख-सुविधाओं को उपलब्ध कराए.
ओन्नो ने बिहार में औद्योगिक क्षेत्र के विकास की आवश्यक्ता जताते हुए कहा कि यहां बंदरगाह की अनुपलब्धता के मद्देनजर यह देखने की बात होगी कि राज्य सरकार उत्पादों की ढुलाई के लिए पूर्वी माल ढुलाई कॉरिडोर का अधिक से अधिक कैसे इस्तेमाल कर पाती है.
वर्ष 2008 की कोसी त्रासदी के प्रभावितों के पुनर्वास के बारे में पूछे जाने पर ओन्नो ने उसमें प्रगति पर असंतोष जताया. वर्ल्ड बैंक ने कोसी त्रासदी के पीडितों के पुनर्वास के लिए बिहार को 20 करोड़ डालर की सहायता दी थी.
भारत की वर्तमान अर्थव्यवस्था के बारे में ओन्नों से उनकी राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तत्कालिक भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते पर भारत आने वाले दशक में आठ प्रतिशत की दर से विकास की क्षमता रखता है. उन्होंने भारत में गरीबी को एक बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि इसे मिटाने के लिए इस देश के सामने अनेक चुनौतियां हैं.