गया के बोध गया में भगवान बुद्ध की दुनिया की सबसे लंबी प्रतिमा बनाई जा रही है. यह प्रतिमा बोध गया के जानी बीघा गांव में बनाई जा रही है जिसकी लंबाई 100 फीट, ऊंचाई 30 फीट और चौड़ाई 24 फीट होगी. भगवान बुद्ध की यह प्रतिमा महापरिनिर्वाण मुद्रा (शयन मुद्रा) में बनाई जा रही है. इस मुद्रा में भगवान बुद्ध की यह मूर्ति विश्व की सबसे लंबी है.
मूर्तिकार मिंटू पॉल बना रहे हैं बुद्ध प्रतिमा
भगवान बुद्ध की इस मूर्ति का निर्माण बुद्धा इंटरनेशन वेलफेयर मिशन के द्वारा किया जा रहा है. बुद्धा इंटरनेशन वेलफेयर मिशन ने इसका निर्माण साल 2019 से शुरू किया. बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्य पाल भिक्षु ने बताया कि मिशन की नींव साल 2011 में यहीं रखी गई थी. साथ ही उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा को कोलकाता के मशहूर मूर्तिकार मिंटू पॉल बना रहे हैं. मूर्ति के निर्माण में फाइबर ग्लास का इस्तेमाल हो रहा है.
फरवरी 2023 में होगा प्रतिमा का उद्घाटन
साल 2023 के फरवरी महीने में इस प्रतिमा का उद्घाटन किया जाएगा. इसके बाद श्रद्धालु और लोग इस प्रतिमा के दर्शन कर पाएंगे. बता दें कि भगवान बुद्ध को बोध गया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी जहां से उनके प्रवचन और संदेश दुनिया के कोने-कोने में फैले थे.
भगवान बुद्ध की यह शयन मुद्रा की प्रतिमा है. भगवान बुद्ध ने इसी मुद्रा में महापरिनिर्वाण के पहले कहा था कि आज से 3 महीने में बाद उनकी मृत्यु होगी. भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम संदेश भी इसी मुद्रा में दिया था. भगवान बुद्ध को 80 साल की अवस्था में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी. यह प्रतिमा बहुत पहले ही पूरा हो जाती लेकिन कोरोना की वजह से निर्माणकार्य में विलंब हुआ है.
दिखने में कैसी होगी भगवान बुद्ध की ये प्रतिमा
भगवान बुद्ध की इस प्रतिमा में दाहिने हाथ पर उनका सिर टिका है. भगवान बुद्ध का सिर उत्तर दिशा में रहेगा और उनके पैर पश्चिम दिशा में रहेंगे. चेहरे पर शांत भाव और दोनों होंठ एक-दूसरे से मुस्कान के साथ सटे हुए हैं. कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पॉल प्रतिमा निर्माण के क्षेत्र में इस बुद्ध मूर्ति से एक और मिसाल बनने जा रहे हैं. मिंटू पॉल पहले भी मां दुर्गा की कई मूर्तियां बनाकर ख्याति अर्जित कर चुके हैं.
(पंकज कुमार की रिपोर्ट)