छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला सामने आया है. नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद कुल 22 शव बरामद किए जा चुके हैं. बताया गया है कि अब भी एक जवान लापता है. कुल 31 जवान घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. (Photos: ANI)
सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़: आज सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाकर्मियों के और शव मिले हैं. इस तरह से नक्सली हमले में कुल 22 जवान अब तक शहीद हो चुके हैं. 31 घायल जवान अस्पताल में भर्ती हैं.
देसी रॉकेट लॉन्चर-एलएमजी से किया हमला: इस हमले में नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और एलएमजी का इस्तेमाल किया था. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर में यह ऑपरेशन चलाया था. नक्सलियों के खिलाफ अभियान नक्सलियों के सबसे बड़े पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन (PLGA 1) में से एक हिडमा के गढ़ में था.
सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो टीम, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड और स्पेशल टास्क फोर्स की टीम इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी, तभी यह मुठभेड़ शुरू हो गई. बस्तर रेंज के बीजापुर जिले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है.
ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया: बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस को खबर थी कि नक्सलियों का बड़ा दुर्दांत कमांडर हिडमा इस हमले से ही 1 किलोमीटर की दूरी पर पोवर्ती गांव में है जिसके बाद सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था.
कई नक्सली भी ढेर: सुरक्षाबलों पर यह हमला नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने किया है जिसका नेतृत्व हिडमा ही करता है. सुरक्षाबलों को भी इस ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है और नक्सल काडर के 15 नक्सली मारे गए हैं, लेकिन जैसे ही अंदर सुरक्षा बल जा रहे थे नक्सलियों ने उनपर हमला कर दिया.
नक्सलियों ने तीन तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से और देसी रॉकेट लॉन्चर से करीब 200 से 300 नक्सलियों का समूह सुरक्षाबलों की टुकड़ी पर टूट पड़ा था. नक्सलियों के इस अंतिम गढ़ में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन अब भी जारी है.