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रायपुर में 10 साल की सानिया एक दिन के लिए बनी टाउन इंस्पेक्टर

'घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें, किसी रोते बच्चे को हंसाया जाए' निदा फाजली के इस मशहूर शेर को छत्तीसगढ़ में रायपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता ने पूरा कर दिखाया. गंभीर बीमारी से जूझ रही 10 साल की सानिया को उन्होंने एक दिन के लिए टाउन इंस्पेक्टर (टीआई) बना दिया.

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सानिया पिछले चार-पांच साल से गंभीर बीमारी से पीड़ित है
सानिया पिछले चार-पांच साल से गंभीर बीमारी से पीड़ित है

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'घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें, किसी रोते बच्चे को हंसाया जाए' निदा फाजली के इस मशहूर शेर को छत्तीसगढ़ में रायपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता ने पूरा कर दिखाया. गंभीर बीमारी से जूझ रही 10 साल की सानिया को उन्होंने एक दिन के लिए टाउन इंस्पेक्टर (टीआई) बना दिया. उसे वैसा ही सम्मान दिया गया, जैसे कि बाकी पुलिस कर्मचारी एक बड़े अफसर को देते हैं. चाहे एक दिन के लिए सही, लेकिन इससे नन्हीं सानिया को जो खुशी मिलीं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.

रायपुर शहर के मठपुरैना इलाके में रहने वाले भीमलाल साहू की मूक बधिर बेटी सानिया पिछले चार-पांच साल से गंभीर बीमारी से पीड़ित है. उसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. सानिया का ख्वाब बड़े होकर पुलिस अफसर बनने का था. उसने माता-पिता से ये इच्छा भी जताई. बेटी का मन रखने के लिए सानिया के माता-पिता ने कई अफसरों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नियम कायदे का हवाला दिया, किसी ने आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया.

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सानिया के दिनोंदिन गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए उसके घरवालों ने रायपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता के दफ्तर का रुख किया. वहां आईजी ने उनकी सारी बात सुनी और इसके बाद सानिया के जन्मदिन पर पुलिस अफसर बनने का उसका सपना पूरा किया.

सानिया को पुलिस अफसर की ड्रेस में मठपुरैना से उसके घर से नीली बत्ती वाली गाड़ी में आईजी के दफ्तर तक ले जाया गया. दफ्तर में केक काटकर सानिया का जन्मदिन मनाया गया और शुभकामनाएं दी गईं. इस मौके पर आईजी समेत पुलिस के तमाम अधिकारी मौजूद थे. पुलिस अफसर की ड्रेस में सानिया को पुलिस कर्मचारियों ने सलामी दी. रायपुर के इतिहास में पहली बार हुई ऐसी घटना के लिए हर कोई आईजी की तारीफ कर रहा है.

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