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छत्तीसगढ़ः जनधन खातों में 550 करोड़ जमा, आयकर विभाग ने शुरू की जांच

नोटबंदी के तुरंत बाद छत्तीसगढ़ में इस बात का खुलासा हुआ कि लोग अपने नोटों को खपाने के लिए दूसरों के जनधन खातों में जमा करवा रहे है. हाल में जारी हुए आंकड़े से यह बात सच साबित हो रही है. प्रदेश के एक करोड़ 18 लाख जनधन खातों में 1820 करोड़ रुपए जमा है.

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महीनों से खाली पड़े जनधन खातों में अचानक आई रुपयों की बाढ़
महीनों से खाली पड़े जनधन खातों में अचानक आई रुपयों की बाढ़

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नोटबंदी के तुरंत बाद छत्तीसगढ़ में इस बात का खुलासा हुआ कि लोग अपने नोटों को खपाने के लिए दूसरों के जनधन खातों में जमा करवा रहे है. हाल में जारी हुए आंकड़े से यह बात सच साबित हो रही है. प्रदेश के एक करोड़ 18 लाख जनधन खातों में 1820 करोड़ रुपए जमा है. इनमें से करीब 550 करोड़ रुपए तो 11 नवंबर से 30 नवंबर तक की अवधि यानी एक महीने से भी कम समय के अंदर जमा हुए है.

खातों में जमा रकम का बताना होगा स्त्रोत
यही नहीं हजारों खाते जिनमें जीरो बैलैंस था, अचानक हजारों रुपए डिपॉजिट हुए हैं. बैंको ने ऐसे खातों की पहचान कर ली है. आयकर विभाग ने बैंको से यह जानकारी मंगाई है कि जनधन खाते के खुलने के बाद से 8 महीने तक जिनमें एक भी पैसा नहीं था, उनमे एक माह के भीतर कितने पैसे जमा हुए और खाते किनके हैं. इन तमाम खाताधारकों को विभाग नोटिस देकर बुलाने की तैयारी में है. आयकर विभाग उनसे सिर्फ यही पूछेगा कि खातों में जो रकम जमा कराई गई है वह कहां से आई.

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बैंक अधिकारी भी आंकड़े देखकर हैरान
बैंक अधिकारी भी इतनी बड़ी रकम के आंकड़ों से हैरान है. उनका कहना है कि एक साल तक इन खातों में जीरो बैलेंस था, लेकिन एक महीने में करोड़ों रुपए जमा हो गए. उनके मुताबिक लोग खुद की रकम कहकर जमा करवाते रहे और वे भी नियमानुसार रकम जमा करते रहे.

जनधन खातों से पैसा निकालने की सीमा तय
जनधन खातों को बैंको में खुले बचत खातों की तरह उपयोग किया जा सकता है. इसी के चलते इन खातों में बड़ी रकम जमा हो गई. हालांकि नोटबंदी के हफ्ते दस दिन बाद केंद्र सरकार ने एलान किया था कि जनधन के खातों में 50 हजार से ज्यादा की रकम न जमा की जाए. लेकिन बैंको में इस बाबत कोई लिखित आदेश न तो RBI के माध्यम से प्राप्त हुआ और न ही केंद्र सरकार और जिला कलेक्टरों के जरिए. नतीजन जनधन के खातों में लगातार धन बरसता चला गया. लेकिन अब खातों से रकम न निकल जाए इसलिए विड्रॉल पर भी लिमिट तय कर दी गई है. खातों से अब एक महीने केवल दस हजार रुपए निकाले जा सकते है. इससे ज्यादा की रकम निकलने पर पाबंदी लगा दी है.

छत्तीसगढ़ के रायपुर से शुरू हुई कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में 39 लाख 32 हजार 844 जनधन खातों में जीरो बैलेंस था. लेकिन 8 नवंबर के बाद 550 करोड़ रुपए में से 40% रकम केवल रायपुर में जमा की गई है. यही वजह है कि कार्रवाई भी रायपुर से शुरू की गई है. स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बस्तर संभाग में SBI में खुले जनधन खातों में जमा किए गए 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम शक के दायरे में है. केवल बस्तर संभाग के 40 शाखाओं में नोटबंदी के फैसले के बाद से हजारों जनधन खातों में साल से कोई रकम न तो जमा हुई और न ही निकाली गई. लेकिन 8 नवंबर के बाद इन्ही खातों में करोड़ों रुपए जमा हो गए है.

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जीरो बैलेंस वाले खाते लगभग खत्म
8 नवंबर के पहले तक छत्तीसगढ़ में खुले जनधन खातों में 30 फीसदी में बैलेंस जीरो था. लेकिन 8 नवंबर के बाद सभी खातों में औसत 1546 रुपए की रकम जमा की गई है. इस तरह राज्य में जीरो बैलेंस वाले जनधन खातों की संख्या लगभग खत्म हो गई है. हर खाते में थोड़ी बहुत रकम है. इनमे से भी अधिकांश में 45 से 50 हजार रुपए तक डिपॉजिट किए गए है. अब इनकम टैक्स की पड़ताल के बाद ही असलियत सामने आएगी. फिलहाल तो यह कहा जा रहा है कि इतनी बड़ी ब्लैक मनी सुनियोजित तौर पर व्हाइट मनी में तबदील करने के लिए खास बैंक अधिकारियों को भी उपकृत किया गया. अंदेशा जताया जा रहा है कि ब्लैक मनी छत्तीसगढ़ के सत्ताधारी और विरोधी पक्ष के राजनेताओं की है.

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