हाल ही में छत्तीसगढ़ में हुई 304 मेडिकल अधिकारियों की नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने के बाद उन्हें रद्द किया जाएगा. राज्य में हुई 494 नियुक्तियों में यह 65 फीसदी है.
सभी 494 नियुक्तियां गजटेड अफसर ग्रेड की थीं. इसके लिए न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस थी और साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी था.
विभागीय जांच के बाद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इनमें से बहुत सारे नियुक्त किए गए अधिकारियों के पास बीएएस (आयुर्वेद) और बीएचएमएस (होमियोपैथी) की डिग्री है. जबकि कुछ ने तो एमबीबीएस की पढ़ाई भी पूरी नहीं की है.
नियुक्ति प्रक्रिया के निरीक्षक रहे मेडिकल एजुकेशन के डिप्टी डायरेक्टर कीर्ति चौहान उरांव को हटा दिया गया है साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
शुरुआत में 1,600 पदों पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन 500 से ज्यादा खाली रह गईं. इनमें से ज्यादातर बस्तर इलाके में थी.
मामले की जांच करने वाले पैनल की अगुवाई वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर एसके बिंझवार ने की, उन्होंने अपनी रिपोर्ट पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को सौंपी. बिंझवार ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया कि 494 नियुक्तियों में से 190 यानी सिर्फ 35 प्रतिशत ही वाजिब योग्यता से मेल खाती हैं.