नोटबंदी के बीच छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की सहायक आरक्षक गीता और जगदलपुर के नर्सिंग छात्र अमित धुर्व ने स्थानीय गायत्री मंदिर में सादगी के साथ विवाह किया, जिसमें एक हजार रुपये से भी कम खर्च हुए. विवाह में शामिल लोगों ने भी केवल चाय-नाश्ता कर नवदंपति को आशीर्वाद दिया.
दंतेवाड़ा की सहायक आरक्षक गीता बिहारी का विवाह हैदराबाद में नर्सिंग की कोर्स कर रहे जगदलपुर निवासी अमित ध्रुव से हुआ. नवदंपति का कहना है कि वे भी धूमधाम से शादी रचाना चाहते थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैशलेस निर्णय और बैंक से अधिक राशि न मिलने से सादगी भरी शादी का निर्णय लिया.
विवाह समारोह में शामिल लोगों ने जोड़े को आशीर्वाद के साथ उपहार तो दिया. लेकिन पार्टी के रूप में केवल चाय-नाश्ता ही उपलब्ध था. नाश्ते पर करीब 500, जयमाला में 200 रुपये, 51 रुपये का प्रसाद और पंडित को 151 रुपये की दक्षिणा के साथ विवाह संपन्न् हुआ.
नवदंपति के मुताबिक दूल्हे के पिता अलग रहते हैं. मां को दिल की बीमारी हैं और अभी ऑपरेशन हुआ है. घर का पूरा जिम्मेदारी अमित पर है. इसी तरह गीता भी माता-पिता के मृत्यु के बाद से छोटे भाई और बहन की जिम्मेदारी संभाल रही है, दोनों रुपये का महत्व जानते हैं. उनका कहना है कि मोदी जी के संदेश ने उनके विचारों को बल दिया.