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अजित जोगी के जाति विवाद में नप गए बिलासपुर के कलेक्टर

बिलासपुर कलेक्टर पी दयानन्द ने अजित जोगी का आदिवासी होने का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया, लेकिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर उन्होंने जोगी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं कराई. नतीजतन एक शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर दिल्ली तलब किया है.

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बिलासपुर कलेक्टर पी दयानन्द
बिलासपुर कलेक्टर पी दयानन्द

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी को गैर आदिवासी करार देने के बाद मामले की FIR दर्ज नहीं कराने को लेकर बिलासपुर के कलेक्टर पी दयानन्द पर अनुशासन का डंडा चल सकता है. हाई पावर कमिटी ने अजित जोगी की जाति की पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट में उन्हें गैर आदिवासी बताया था. हाई पावर कमिटी ने अपनी इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में भी भेज दिया. इसके बाद बिलासपुर कलेक्टर पी दयानन्द ने अजित जोगी का आदिवासी होने का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया, लेकिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर उन्होंने जोगी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं कराई. नतीजतन एक शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बिलासपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर दिल्ली तलब किया है. नोटिस में FIR दर्ज कराने में की गई ढिलाई को लेकर खुद पेश होने के लिए कहा गया है.

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जोगी को दिया जा रहा बचने का मौका

संत कुमार नेताम नामक शिकायतकर्ता ने ST आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री जोगी फर्जी आदिवासी करार दे दिए गए हैं और उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने में बिलासपुर कलेक्टर पी दयानन्द ने कई दिन लगा दिए. यही नहीं जोगी के खिलाफ FIR भी दर्ज नहीं कराई गई. इसके बाद ST कमीशन के चेयरमेन नन्द कुमार साय ने कहा कि इस गंभीर मामले में प्रशासनिक अफसर और कुछ नेता हस्तक्षेप कर जोगी को बचाने में जुटे हैं. उन्हें जानबूझकर मौका दिया जा रहा है कि वे अदालत जा कर स्टे ले आए.

डीएम को मुख्यालय किया गया तलब

अनुसूचित जनजाति आयोग ने कलेक्टर पी दयानन्द को पांच दिन के अंदर जवाब सहित कमीशन के मुख्यालय में तलब किया है. नोटिस में यह भी लिखा है कि वे तय समय के भीतर पेश नहीं होंगे तो उनके खिलाफ समन जारी किया जाएगा. वहीं भारत के संविधान के अनुच्छेद 388 खंड 8 के तहत आयोग को प्रदत दीवानी शक्ति का प्रयोग किया जाएगा. आयोग ने DOPT और कार्मिक मंत्रालय को आईएएस अधिकारी पी दयानन्द के खिलाफ टिप्पणी दर्ज करने के लिए पत्र भी भेजा है.

 

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