छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अजीत जोगी को गैर आदिवासी करार दिए जाने के बाद अब उनके पुत्र अमित जोगी पर भी शिकंजा कसता जा रहा है. अमित जोगी बिलासपुर जिले की मरवाही विधानसभा सीट से विधायक हैं. यह सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. जब अजीत जोगी गैर आदिवासी करार दे दिए गए हैं, तो उनके पुत्र को भी आदिवासी नहीं माना जा सकता. इसके चलते जातिगत मामलों के लिए गठित छानबीन समिति के पास जल्द ही अमित जोगी की जाति का मामला भी भेजा जा सकता है. हालांकि इस मामले में जल्द कार्रवाई को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.
हाईकोर्ट में मरवाही विधायक अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर उनकी विधायकी समाप्त किए जाने को लेकर याचिका की सुनवाई शुरू हो गई है. कोर्ट ने हाईपॉवर कमेटी व अमित जोगी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मरवाही विधायक अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर उनकी विधायकी समाप्त करने की याचिका दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कंवर आदिवासी नहीं होने की रिपोर्ट दी है.
इसके साथ उसके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है. अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं, तो उनके पुत्र कैसे आदिवासी हो सकते हैं, जबकि मरवाही विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. इस कारण से उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति अमित जोगी का भी जाति प्रमाण पत्र निरस्त करे. साथ ही इस याचिका में अमित जोगी को विधानसभा में प्रवेश से रोकने और विधायकी समाप्त करने की मांग की है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मामले में उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति व अमित जोगी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.