वीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड की खरीद में घोटाले का मामला फिर से उछला है. छत्तीसगढ़ में अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद बीजेपी ,कांग्रेस और प्रशांत भूषण की स्वराज इंडिया पार्टी के नेता अपने-अपने दावे कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा कि उसने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रधान सचिव की उस राय को महत्त्व क्यों नहीं दिया , जिसमें उन्होंने कहा था कि दूसरी कंपनियों के हेलिकॉप्टर पर भी विचार करें. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 23 नवंबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के आदेश पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास अनुशंसा भेजी गई कि अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर खरीदे जाएं.
उन्होंने आरोप लगाया कि हेलिकॉप्टर डील में जो कमीशन मिला उससे मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का बैंक खाता वर्जिन आइलैंड में खोला गया. इसका जिक्र पनामा पेपर्स में भी है. खाता खोलते समय अभिषेक सिंह का पता वही है जो मुख्यमंत्री रमन सिंह के चुनाव हलफनामे में है.
दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आईटी एक्ट का उल्लंघन कर दस्तावेज प्रस्तुत किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट रुल्स 2013 का जिक्र किया जिसके मुताबिक कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के स्रोत के बारे में जानकारी देनी होगी. बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिका अनुमानों पर आधारित है, इसमें कोई तथ्य नहीं है. इसके पहले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि ये राजनीति से प्रेरित याचिका है और इस याचिका के जरिए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा सकती है. सरकार ने कहा था कि पीएसी और सीएजी की रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं में पेश किया जाता है.
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में स्वराज अभियान ने याचिका दायर कर इन गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की प्रतिकूल रिपोर्ट मिली है, जबकि मीडिया रिपोर्टों से राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इस संदर्भ में हुई कथित गड़बड़ियों के संकेत हैं. याचिका में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह की भूमिका पर ऊंगली उठाई गई है. प्रशांत भूषण ने कहा है पनामा पेपर्स भी बताते हैं कि हेलिकॉप्टर खरीद का सीधा संबंध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे से जुड़ा हुआ है. उनके विदेशों में भी खाते हैं जिनमें काफी रकम बटोरी गई है. उनके मुताबिक ये राजनीतिक भ्रष्टाचार का मसला है इसलिए इसकी सुनवाई कोर्ट में होनी चाहिए.
उधर छत्तीसगढ़ सरकार इस बारे में अपना रुख पहले ही साफ कर चुकी है. उसका दावा है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद पूरी पारदर्शिता के साथ हुई थी. बाजार भाव से बेहद कम कीमत में हेलीकॉप्टर खरीदा गया. उसका यह भी दावा है कि खरीदी में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ. फिलहाल नोटिस जारी होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने तय समय सीमा के भीतर अदालत को जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है. इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव विवेक ढांड, पूर्व मुख्य सचिव शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अमन सिंह, राज्य के महाधिवक्ता श्री गिल्डा समेत कानून के जानकारों की महफिल सज गई है.