छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी ने चार दिन पहले अपनी जिस पार्टी के गढ़न का ऐलान किया था उन्होंने सोमवार को उसके घोषणापत्र का ऐलान कर दिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भूख, गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष करने मैदान में उतरेगी और छत्तीसगढ़ को करमुक्त राज्य बनाएगी.
आलाकमान से बात करना 'भैंस के आगे बीन बजाने' जैसा
कांग्रेस आलाकमान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जोगी ने बीते दिनों अपनी नई पार्टी बनाने की मंशा जताई थी. उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की बात से अपनी असहमति जताई थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से बात करना 'भैंस के आगे बीन बजाने' जैसा है.
बेटे अमित के राजनीतिक भविष्य की भी चिंता
बताया जा रहा था कि अजीत जोगी कांग्रेस में अपने बेटे अमित की दोबारा एंट्री को लेकर नेतृत्व के नकारात्मक रुख के बाद से ही नाराज चल रहे हैं. उन्होंने पहले ही 6 जून को नई पार्टी की घोषणा करने की बात कही थी. जोगी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की गतिविधियों पर भी एतराज जता चुके थे.
कांग्रेस अब नेहरू-इंदिरा या राजीव-सोनिया की पार्टी नहीं
कांग्रेस से बाहर निकलकर अजीत जोगी ने तीसरा मोर्चा खड़ा करने की ओर कदम बढ़ाने के संकेत भी दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब नेहरू, इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी वाली पार्टी नहीं रही. दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है. हमारी नई पार्टी जल्द ही सब कुछ तय करने वाली है.
राज्यसभा नहीं भेजे जाने से भी थी नाराजगी
गौरतलब है कि अंतागढ़ टेप कांड के कारण अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को प्रदेश कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया है. अजीत जोगी को भी निकालने के लिए पार्टी आलाकमान को सिफारिश भेजी गई है, लेकिन कांग्रेस इस बारे में कोई फैसला नहीं कर रही थी. जोगी इस बात से नाराज हैं कि उनके बेटे अमित को कांग्रेस में वापस लेने की दिशा में भी कोई प्रयास नहीं हुए. राज्यसभा के लिए भी जोगी के नाम पर विचार भी नहीं हुआ. वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से भी उन पर लगातार हमले हो रहे थे.