छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी इन दिनों हवाई उड़ान भरने के बजाए सड़क मार्ग का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं क्योंकि जिस हेलीकॉप्टर में सवार होकर वो राज्य का दौरा कर रहे थे, अचानक गायब हो गया है. इस हेलीकॉप्टर को अजित जोगी की पार्टी ने 3 माह के लिए लीज पर लिया था.
पिछले 15 दिनों तक लगभग 25 घंटे की उड़ान भरने के बाद यह हेलीकॉप्टर अचानक गायब हो गया, वह न तो अजित जोगी की पार्टी को दिखाई दे रहा और न ही पुलिस को.
हेलीकॉप्टर को किराए पर लेने वाले पीयूष देशलहरा पिता प्रकाश देशलहरा ने दुर्ग सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है कि लगभग 15 दिनों से यह हेलीकॉप्टर गायब हो गया है. शिकायतकर्ता ने पुलिस को कुछ दस्तावेज भी सौंपे है जिसमें 75 लाख रुपए में 3 माह के लिए हेलीकॉप्टर लीज पर जाने का मामला भी दर्ज है.
आखिरी सवारी भी जोगी ने ही की
दस्तावेजों की जांच के बाद पुलिस के अफसरों ने पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी से पूछताछ के लिए समय मांगा है. दरअसल इस हेलीकॉप्टर का उपयोग अजित जोगी ही कर रहे थे. आखिरी बार उसकी सवारी भी उन्होंने ही की थी.
पुलिस ने हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली एसएआर एविएशन कंपनी ने दिल्ली के अफसरों से भी संपर्क साधा है. पुलिस को अंदेशा है कि हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली कंपनी और उसे किराए पर लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति तो नहीं है क्योंकि हेलीकॉप्टर को उड़ाने वाला कोई पायलट ही होगा, कोई चोर या उठाईगीर नहीं.
दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश देशलहरा के मुताबिक हेलीकॉप्टर ने आखिरी बार 18 दिन पहले रायपुर के स्टेट हैंगर में लैंड किया था. उनकी इस दौरान पायलट से भी बातचीत हुई थी. उनके मुताबिक उस पायलट ने छुट्टी में जाने की बात कही थी. इसके बाद एविएशन कंपनी ने जल्द दूसरा पायलट भेजने का आश्वासन दिया था. इस दौरान हेलीकॉप्टर वहीं खड़ा रहा. इसके बाद न तो पायलट आया और न ही हेलीकॉप्टर दिखाई दिया. नतीजतन उन्होंने गायब हेलीकॉप्टर की सुचना पुलिस से की और एफआईआर दर्ज करने की मांग की.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी ने पखवाड़े भर तक इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगभग 2 दर्जन आम सभाएं की थीं. अगले 3 माह में सौ से ज्यादा आम सभाओं की योजना बनाई गई थी. लेकिन हेलीकॉप्टर के गायब हो जाने से अजित जोगी का दौरा कार्यक्रम बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. फिलहाल वो कभी सड़क मार्ग से तो कभी रेल मार्ग से ग्रामीण अंचलों का दौरा कर रहे हैं.