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कांग्रेस नेतृत्व पर भड़के जोगी ने कहा- उनसे बात करना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा

समझा जा रहा है कि जोगी कांग्रेस में अपने बेटे अमित की दोबारा एंट्री को लेकर नेतृत्व के नकारात्मक रुख के बाद से ही नाराज चल रहे हैं. वह नई पार्टी बनाने के संकेत दे चुके हैं, जिसकी घोषणा 6 जून या इसके आसपास हो सकती है.

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कहीं यह कांग्रेस की बजाय राहुल गांधी बनाम अजीत जोगी तो नहीं?
कहीं यह कांग्रेस की बजाय राहुल गांधी बनाम अजीत जोगी तो नहीं?

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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के 'नामकरण' के साथ ही अजीत जोगी ने पार्टी के खि‍लाफ मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से इस कदर खफा हैं कि वह अपनी नाराजगी पाटने के लिए बातचीत की गुंजाइश भी नहीं रख रहे. एक ओर जहां उन्होंने नई पार्टी को लेकर संकेत दिए हैं, वहीं साफ शब्दों में कहा है कि कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व से बात करना 'भैंस के आगे बीन बजाने' जैसा है.

समझा जा रहा है कि अजीत जोगी कांग्रेस में अपने बेटे अमित की दोबारा एंट्री को लेकर नेतृत्व के नकारात्मक रुख के बाद से ही नाराज चल रहे हैं. वह नई पार्टी बनाने के संकेत दे चुके हैं, जिसकी घोषणा 6 जून या इसके आसपास हो सकती है. ऐसे हालात में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से बात करेंगे? अजीत जोगी ने जवाब दिया, 'कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से बात करना भैंस के आगे बीन बजाने की तरह है.'

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'अब यह नेहरू, इंदिरा की पार्टी नहीं रही'
अजीत जोगी ने कांग्रेस से बाहर निकलकर तीसरा मोर्चा खड़ा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. वह अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहते हैं, 'कांग्रेस अब नेहरू, इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी वाली पार्टी नहीं रही. दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है. हम नई पार्टी के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं. जल्द ही सब कुछ तय होने वाला है.'

इन कारणों से कांग्रेस से नाराज हैं
गौरतलब है कि अंतागढ़ टेप कांड के कारण अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को प्रदेश कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया है. अजीत जोगी को भी निकालने के लिए पार्टी लीडरशिप को सिफारिश भेजी गई है, लेकिन कांग्रेस इस बारे में कोई फैसला नहीं कर रही है. जोगी इस बात से नाराज हैं कि उनके बेटे अमित को कांग्रेस में वापस लेने की दिशा में भी कोई प्रयास नहीं हुए. राज्यसभा के लिए भी जोगी के नाम पर विचार भी नहीं हुआ, जबकि प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से भी उनपर लगातार हमले हो रहे हैं.

नई पार्टी की तैयारी
बीते कई दिनों से अमित जोगी छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. 'ग्राम आवाज' के नाम से वे गांव-गांव घूम रहे हैं. इन दौरों का मकसद समर्थकों को एकजुट करना है और नई पार्टी के गठन के लिए जमीन तैयार करनी है.

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राहुल गांधी से क्या है समस्या
बताया जाता है कि अजीत जोगी बेटे अमित से निष्कासन हटाने के लिए कई बार दिल्ली पहुंचे, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया. ऐसे में जब बीते बुधवार को राहुल गांधी को उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बनाने की खबरें आईं, अजीत जोगी आक्रामक मुद्रा में आ गए और बागी तेवरों के साथ कांग्रेस से अलग होने का फैसला कर लिया.

नई पार्टी से कांग्रेस को कितना नुकसान?
बहरहाल, यह लगभग तय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी कांग्रेस से नहीं, बल्कि अपनी नई पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि यह नई पार्टी कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचा पाएगी इसको लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ अलग-अलग मत रखते हैं. राज्य में रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है और दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस ही नजर आती है.

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