छत्तीसगढ़ में एक राजनीतिक उठापटक के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की साख पर सवालिया निशान लग गया है. अजित जोगी ने नया ऐलान किया है कि अब वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके पहले जोगी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को चैलेंज करते हुए वादा किया था कि वो जहां से भी चुनाव लड़े, उनके खिलाफ वो भी चुनाव लड़ेंगे.
इस बयान के बाद अजित जोगी मीडिया में छा गए थे. उन्होंने राज्य के लगभग सभी समाचार पत्रों में भी सुर्खियां बटोरी थीं लेकिन अचानक शनिवार को अजित जोगी ने अपने वादे से पल्ला झाड़ लिया. जोगी कांग्रेस के कार्यालय से अधिकृत बयान आया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि सभी विधान सभा सीटों पर प्रचार करेंगे. इस बयान के बाद जोगी की साख और रणनीति को लेकर उनके विरोधी हमलावर हो गए हैं.
छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की नई चाल से ना केवल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है, बल्कि यह बात आम हो चली है कि राज्य में छत्तीसगढ़ जनता पार्टी सिर्फ बीजेपी को बहुमत दिलाने के लिए एक से बढ़कर एक दांव खेल रही है. राजनीति के पंडित अब यही मान कर चल रहे हैं.
जोगी पार्टी की ओर से अधिकृत बयान आया है कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे , बल्कि सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों का प्रचार करेंगे. इस बयान के बाद कांग्रेस ने अंदेशा जाहिर किया है कि बीजेपी और अजित जोगी की पार्टी के बीच गुप्त चुनावी गठबंधन हो गया है.
पहले भी अपने वादों से मुकर चुके हैं अजित जोगी
यह पहला मौका नहीं जब अजित जोगी अपने बयान से मुकर गए हों. इसके पहले भी वर्ष 2013 के विधान सभा चुनाव में ऐसा ही बयान देकर उन्होंने राजनीति गरमा दी थी. बीजेपी ने जोगी के इस फैसले पर ताजा प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि अपनी साख बचाने के लिए जोगी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मैदान में न उतरने का फैसला लिया है.
एक बार फिर जोगी ने वर्ष 2013 के विधान सभा चुनाव की तर्ज पर वैसा ही दांव खेला है. उनके अचानक पैंतरा बदलने से कांग्रेस ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जोगी कांग्रेस को बीजेपी की 'बी' टीम करार देते हुए तीखा हमला बोला है. कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि अजित जोगी बीजेपी के मुख्य सहयोगी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी की राह आसान करने के लिए ही उन्होंने बीएसपी से गठबंधन किया है.
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में ना उतरने का फैसला जोगी का नहीं बल्कि बीजेपी के निर्देश पर हुआ है. बघेल ने कहा कि जोगी कांग्रेस, फेस सेविंग के तहत इसे महागठबंधन का फैसला बताकर छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता की आंखों में धूल झोंक रही है.
कांग्रेस के नेता चरणदास महंत ने भी अजित जोगी के राजनांदगांव से चुनाव न लड़ने के फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पहले वो कांग्रेस के भीतर रहकर बीजेपी को फायदा पहुंचाया करते थे, लेकिन अब खुलेआम फायदा पहुंचा रहे हैं . उन्होंने कहा कि बीएसपी के साथ उनका जगजाहिर गठबंधन है , जबकि बीजेपी के साथ गोपनीय गठबंधन कर वो चौथी बार बीजेपी की सरकार बनाने में जुटे हैं. चरणदास महंत का दावा है कि जोगी अब कोई भी पैंतरा खेलें लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार बनाएगी.
उधर जनता कांग्रेस के प्रवक्ता नितिन भंसाली ने कहा है कि अजित जोगी ने जब मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था तब और अबकी राजनैतिक परिस्तिथियां अलग- अलग हैं. उनके मुताबिक पहले जनता कांग्रेस अकेले 90 सीटों पर चुनावी मैदान में थी. लेकिन बीएसपी के साथ गठबंधन हो जाने के बाद परिस्थिति बदल गई.