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खतरे में अमित जोगी की विधायकी, जाति प्रमाण पत्र की फाइल गायब

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विधायक बेटे अमित जोगी की जाति को लेकर घमासान मचा है. मामला हाई कोर्ट तक जा पंहुचा है. बीजेपी के नेता नन्द कुमार साय व समीरा पैकरा ने एक याचिका दायर कर अमित जोगी की विधायकी खत्म करने की मांग की है.

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अमित जोगी
अमित जोगी

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के विधायक बेटे अमित जोगी की जाति को लेकर घमासान मचा है. मामला हाई कोर्ट तक जा पंहुचा है. बीजेपी के नेता नन्द कुमार साय व समीरा पैकरा ने एक याचिका दायर कर अमित जोगी की विधायकी खत्म करने की मांग की है.  इस पर अदालत की ओर से जारी नोटिस बिलासपुर कलेक्टर व शासन के पास पहुंच चुका है. इसके बाद से बिलासपुर कलेक्टर के दफ्तर में खलबली मच गयी है. कारण यह है कि अमित जोगी की जाति प्रमाण पत्र वाली फाइल ना तो कलेक्टर के दफ्तर में है और ना ही अनुविभागीय अधिकारी के दफ्तर में जहां से यह जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था. फाइल कब गायब हुई और किसने हाथ मारा इसे लेकर माथा पच्ची हो रही है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व  मुख्यमंत्री अजीत जोगी को गैर आदिवासी करार दिए जाने के बाद अब उनके पुत्र अमित जोगी पर भी शिकंजा कसता जा रहा है. अमित जोगी बिलासपुर जिले की मरवाही विधानसभा सीट से विधायक हैं. यह सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में जब अजीत जोगी गैर आदिवासी करार दे दिए गए है तो उनके पुत्र को भी आदिवासी नहीं माना जा सकता.

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मरवाही विधायक अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर उनकी विधायकी समाप्त किए जाने को लेकर याचिका दायर होने के बाद जब जांच शुरू हुई तब मरवाही विधायक अमित जोगी की जाति प्रमाण पत्र संबंधी फाइल तहसील से गायब होने की बात पता चली. पूरे दिन कार्यालय के कर्मचारियों ने खोजबीन की पर फाइल कहीं नहीं मिली. वहीं आला अफसर इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश में जुट गए हैं. बिलासपुर कलेक्टर के मुताबिक अमित जोगी की जाति प्रमाण पत्र की फाइल खोजी जा रही है. मामला काफी पुराना होने की वजह से फाइल कहीं दफ्तर में ही हो सकती है. इसे खोज लिया जाएगा. इस बाबत जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

अमित जोगी ने वर्ष 2013 में मरवाही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अक्टूबर 2013 को तहसीलदार के कोर्ट में अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था. तहसीलदार ने उसी दिन अमित को अस्थाई प्रमाण पत्र जारी कर दिया था. स्थाई जाति प्रमाण पत्र पेश करने की बाध्यता को देखते हुए उन्हें पेंड्रारोड़ के तत्कालीन एसडीएम ने स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया था.

 

 

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