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'कानन' में बाघों को सांपों से बचाने के किए गए खास इंतजाम

छत्तीसगढ़ के भिलाई मैत्री बाग में  सांप के काटने से हुई एक शेरनी की मौत के बाद बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी में बाघ, चीता और तेंदुओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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Symbolic Image
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छत्तीसगढ़ के भिलाई मैत्री बाग में  सांप के काटने से हुई एक शेरनी की मौत के बाद बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी में बाघ, चीता और तेंदुओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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बाघों वाले बाड़े के घेरों के आसपास लगातार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं इनके लिए ऊंचे पाटे का इंतजाम भी बाड़े में किया गया है. घेरों के सामने 'स्नेक पिट' बनाया गया है. इसके साथ फिनाइल युक्त फुटमैट के इंतजाम भी किए गए हैं.

निगरानी के निर्देश
कानन पेंडारी के रेंज ऑफिसर टी.आर. जायसवाल का कहना है कि कानन पेंडारी में वन्य प्राणियों को जहरीले जीव-जंतुओं से बचाने खास प्रयास किए गए हैं. साथ ही चिड़ियाघरों में काम करने वालों को वन्य प्राणियों की खास निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. उनका दावा है कि किसी भी हालत में सांप जानवरों के बेड़े में नहीं आ पाएगा.

हो गई थी शेरनी की मौत
गौरतलब है कि दुर्ग जिले के मैत्री बाग में एक जुलाई को एक शेरनी की सांप के काटने से मौत हो गई थी. मैत्रीबाग की नौ वर्षीया शेरनी नर्मदा, अपने पिंजड़े में मृत पाई गई थी. इसकी जानकारी मैत्री बाग प्रबंधन और वन विभाग को दी गई. पशु चिकित्सक की जांच रिपोर्ट से पता चला था कि शेरनी को रात के समय किसी सांप ने डस लिया था, जिस कारण उसकी मौत हो गई.

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इनपुट- IANS

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