छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले को लेकर रूह को कंपा देने वाला खुलासा हुआ महेन्द्र कर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में. पता चला है कि उनके शरीऱ पर नक्सलियों ने संगीनों से 78 वार किए थे और उनके शरीर से मिली है 65 गोलियां. इतना ही नहीं कर्मा की हत्या के बाद नक्सलियो ने उनके शव पर डांस किया था.
ये नक्सलवाद नहीं आंतकवाद है. ये आंतकवाद भी नहीं बल्कि ये तो जरायमवाद है. जिस तरह से नक्सलियों ने महेन्द्र कर्मा की हत्या की उसकी सच्चाई रूह को कंपा देने वाली है. महेन्द्र कर्मा ने सलवा जुडूम के जरिए नक्सलियों ने दो-दो हाथ किया लेकिन जब वो नक्सलियों के हाथ लगे तो उन्हें खौफनाक तरीके से मौत दी दी गई.
चश्मदीदों के मुताबिक जब 26 मई को जब महेन्द्र कर्मा नक्सलियों के हाथ लगे तो कांग्रेसियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग को देखकर वो गाड़ी से उतरे और उन्होंने अपने साथियों को बख्शने की गुहार की. सरेंडर के बावजूद नक्सलियों ने महेन्द्र कर्मा के साथ ऐसा सलूक किया जिसे देखकर मानवता भी शर्मा जाए.
उन्हें पहले तो एके 47 की गोलियों से भून दिया गया. फिर कर्मा के बेजान शरीर को नक्सलियों ने बंदूक में लगे संगीनों से गोद डाला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कर्मा के शरीर में 78 निशान मिले है. नक्सलियों की बर्बरता यहीं नहीं रुकी. इसके बाद उन्होंने महेन्द्र कर्मा के शव पर नाचना शुरू कर दिया.
घटना के चश्मदीद शिव नारायण द्विवेदी ने बताया, 'ये मेरे सामने की बात थी. मारने के बाद में उनके बंदूक के सामने जो रहता है उससे गोद रहे थे सारे नक्सली. जहां उनको वो पाते थे हाथ में, पेट में, पीठ में, आंख में जहां उन्हें मिलता था. और उसके ऊपर वो नाचते थे. मतलब बुरा दृश्य था. ये सच्ची घटना है ये.'
डॉक्टरों के मुताबिक महेन्द्र कर्मा का शरीर में 65 गोलियां मिली है. उनका शरीर जब पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा तो डॉक्टर भी हैरत में पड गए कि कोई किसी के शव के साथ इतनी अमानवीय हरकत कैसे कर सकता है. नक्सलवादियों ने जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया उसके पीछे एक मकसद लोगों के बीच दहशत पैदा भी करना भी था ताकि कोई और उनके खिलाफ सलवा जुडूम जैसी मुहिम नहीं चलाए.