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जब अपनों ने छोड़ा साथ तो मालिक को बचाने के लिए आगे आया कुत्ता, भालू से भिड़ कर बचाई जान

Chhattisgarh News: नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर इलाके से कुत्ते की बहादूरी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक पालतू कुत्ता अपने मालिक को बचाने के लिए भालू और उसके बच्चों से भिड़ गया. करीब आधा घंटे चले इस संघर्ष में कुत्ते ने अपने मालिक को सही सलामत बचाने में कामयाब रहा.

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(प्रतीकात्मक फोटो)
(प्रतीकात्मक फोटो)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर इलाके से कुत्ते की वफादारी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. युवक के सामने खड़ी मौत को देखकर उसका सगा भाई और साला डर कर पेड़ पर चढ़ गए पर उसका पालतू कुत्ता अपनी जान की बाजी लगाकर जंगली भालुओं के सामने अपने मालिक के साथ डटा रहा.

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दरअसल मादा भालू और उसके बच्चों के हमले से घायल किसान को नारायणपुर स्थित जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार करने के बाद मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर कर दिया है. जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक रविवार को छोटेडोंगर इलाके के तुरसमेटा गांव के किसान घसिया राम (40) अपने भाई और साले के साथ बैल ढूंढने के लिए जंगल गया था. इस दौरान मादा भालू और उसके बच्चों ने घसिया पर हमला कर दिया.

जंगल में भालू के हमले के बाद पीड़िता सगा भाई और साला डरकर उसे छोड़कर पेड़ पर चढ़ गए. इस दौरान घसिया के पालतू कुत्ता ने अपनी वफादारी का परिचय देते हुए मालिक की जान बचाने के लिए भालू से भिड़ गया. करीब आधे घंटे तक मालिक की जान बचाने के लिए मादा भालू और उसके बच्चों से संघर्ष करने के बाद पालतू स्वान ने अपने मालिक की जान बचा ली. 

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मालिक को बचाने के लिए भालू से भिड़ गया कुत्ता

भालू के भागने के बाद घसिया का भाई और साला पेड़ से उतरा और घायल अवस्था में उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. यहां प्राथमिक उपचार के बाद घसिया को नारायणपुर स्थित जिला अस्पताल लाया गया. फिर जगदलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. भालू के हमले से किसान के सिर, कमर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आईं है. 

मुसनार की घटना के बाद कुत्तों से होने लगी दोस्ती

बता दें, 5 अप्रैल 2023 की घटना के बाद ग्रामीण इलाकों में कुत्तों से दोस्ती करने और उसे पालने का चलन बढ़ा है. जंगल में शिकार करने की बात हो या फिर जंगल से लकड़ी लाना. अब ग्रामीण अपने साथ पालतू कुत्तों को साथ लेकर चलने लगे हैं.  इसके पीछे की वजह कुत्तों की बहादुरी है. 

मुसनार के जंगल में ग्रामीण बिजलूराम कश्यप (28) अपने दो कुत्तों के साथ जंगल बांस लेने गया था. तभी अचानक तीन भालूओं ने उस पर हमला कर दिया. मालिक को हमले से बचाने के लिए दोनों कुत्ते भालूओं से भिड़ गए और अपने मालिक की जान बचा ली. इस घटना की चर्चा आस-पास के गांव में होने लगी फिर ग्रामीणों में कुत्ते की वफादारी पर विश्वास और बढ़ गया.  

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कुत्ते ने जान देकर बचाई थी जवानों की ‘जान’

छोटेडोंगर इलाके में ही 15 फरवरी 23 को कुत्ते ने अपनी जान देकर आईटीबीपी के जवानों की जान बचाई थी. जवान हिकपोल और टेकनार के जंगल एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे थे. इस दौरान सुरक्षा बल के जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों के द्वारा जंगल में आईईडी लगाया गया था.

जवानों के साथ चल रहे एक कुत्ते ने बम की गंध को सूंघते हुए उसके पास जा पहुंचा और बम के ऊपर बैठ गया. जिसके बाद बम ब्लास्ट हो गया और कुत्ते की जान चली गई. इस घटना में जवानों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था. धनोरा थाना क्षेत्र में हुई घटना में प्रेशर बम की चपेट में आने से आईटीबीपी का जवान मनोज यादव मामूली रूप से घायल हो गए थे. 

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