छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंह देव के बीच में लंबे समय से सत्ता परिवर्तन को लेकर विवाद चल रहा है. दोनों नेता दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान तक अपनी बात रख चुके हैं. तमाम तरह की अटकलों के बीच, छत्तीसगढ़ कांग्रेस का विवाद मंच तक पहुंच गया. दरअसल, जैसे ही एक नेता ने टीएस सिंह देव को लेकर अपनी बात रखनी शुरू की, तुरंत ही अन्य नेता माइक तक पहुंच गए और उन्हें धक्के मारकर वहां से हटा दिया.
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर में पार्टी वर्कर्स के समारोह का है. स्थानीय कांग्रेस नेताओं के बीच में झड़प हो गई. पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष पवन अग्रवाल को पोडियम से बोलने को रोक दिया गया और उन्हें वहां से हटा दिया गया. घटना के सामने आए वीडियो में कांग्रेस नेता पवन अग्रवाल टीएस सिंह देव पर अपनी बात रखने जा रहे थे. इसी दौरान, वहां कई अन्य नेता आ गए और उन्हें पोडियम से दूर कर दिया गया. मंच पर धक्का-मुक्की जैसी स्थिति बन गई, जिसके बाद मंच से नीचे मौजूद कई अन्य नेताओं को भी आना पड़ा.
पवन अग्रवाल ने टीएस सिंह देव का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए ढाई साल का इंतजार किया है और अब भूपेश बघेल को जरूर यह सीट छोड़ देनी चाहिए. जब यहां पर कांग्रेस की सरकार नहीं थी, तब देव और बघेल साथ मिलकर काम करते थे. आज उनके ही बदौलत राज्य में कांग्रेस की सत्ता है और जब मैंने यह कहना शुरू किया तब कांकुरी के विधायक के लोगों ने मुझपर हमला कर दिया.
#WATCH | Chhattisgarh: Local Congress leaders & workers enter into a brawl at party workers conference in Jashpur after party's ex-dist pres Pawan Agarwal was pushed away from podium & stopped from speaking. He had started speaking on Min TS Singh Deo when the incident took place pic.twitter.com/7joKTUlYgE
— ANI (@ANI) October 24, 2021
बघेल और सिंह देव के बीच लंबे समय से घमासान
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच में लंबे समय से मुख्यमंत्री पद को लेकर घमासान मचा है. हालांकि, कभी भी दोनों नेताओं ने सार्वजनिक बयान नहीं दिए हैं, लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चलता रहा है कि ढाई-ढाई साल तक राज्य का मुख्यमंत्री बनने को लेकर यह विवाद है. दिसंबर, 2018 में राज्य की कमान संभालने वाले बघेल के बतौर मुख्यमंत्री ढाई साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में टीएस सिंह देव के समर्थक अब उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर दोनों नेता और उनके समर्थक विधायक दिल्ली तक हाजिरी लगा चुके हैं.