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सुरक्षा बलों के खिलाफ बोतल बम के इस्तेमाल में जुटे नक्सली, डिटेक्ट करना मुश्किल

सूत्रों के मुताबिक नक्सली बोतल बम के तौर पर शराब की बोतल का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें IED प्लांट कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की फिराक में हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नक्सली इलाकों में नक्सली नई तकनीक के तौर पर 'बोतल बम' और 'बोतल IED' का प्रयोग करने में जुटे हुए हैं 'आजतक' को मिली खुफिया रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है. सुरक्षा बलों ने अपनी एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी है जिसमें यह जानकारी दी गई है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर डिस्ट्रिक्ट में IED के तौर पर नक्सली 'बोतल बम' और 'बोतल IED' का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आने वाले दिनों में बड़ा खतरा हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक नक्सली  'बोतल बम' के तौर पर शराब की बोतल का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें IED प्लांट कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की फिराक में हैं. हाल ही में सुरक्षाबलों ने इस तरीके के 'बोतल बम' और 'बोतल IED' को बीजापुर के कुछ इलाकों में ढूंढ निकाला है. सुरक्षा बल इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इसमें कई तरीके की नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसको डिटेक्ट करना अभी मुश्किल हो रहा है.

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सुरक्षाबलों ने जो गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी है उस रिपोर्ट के मुताबिक यह 'बोतल बम' बहुत खतरनाक है . इस बम की खास बात ये है कि ये बोतल में बारूद भरकर बनाया जाता है और क्योंकि इसमें मेटल का इस्तेमाल नहीं हुआ है इसलिए इसे मेटल डिटेक्टर से डिटेक्ट कर पाना मुश्किल हो रहा है. सुरक्षा बलों के सूत्रों ने जानकारी दी है कि 'बोतल बम' के आसपास कई शराब की खाली बोतलें रख दी जाती हैं. ब्लास्ट के बाद ये छोटी बोतल के कांच के छोटे टुकड़े 25-30 मीटर के दायरे में जवानों को भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं.

इतना ही नहीं कांच की बोतल में बारूद के साथ लोहे के टुकड़े भी डाल दिए जाते हैं, जो कांच के टुकड़ों के साथ शरीर के आर-पार निकल जाते हैं. हाल ही में बीजापुर में नक्सली इलाकों में तैनात जवानों ने बोतल के भीतर दिख रहे वायर को देखकर इस बम की पहचान की.

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