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छत्तीसगढ़: कांग्रेस के साथ बात नहीं बनने पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी BSP

खबरों के मुताबिक बीएसपी ने कांग्रेस के सामने दस सीटों की मांग रखी है, जबकि कांग्रेस जांजगीर- चांपा जिले की मात्र दो विधानसभा सीट देने को तैयार है.

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मायावती (फाइल फोटो)
मायावती (फाइल फोटो)

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छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी में कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर आम राय नहीं बन पाई है. बीएसपी के कई नेता कांग्रेस से गठजोड़ का विरोध कर रहे हैं. रायपुर में बीएसपी की बैठक हुई जिसमें जमकर हंगामा हुआ. आखिरकर पार्टी ने राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर अपनी मंशा जाहिर कर दी, हालांकि इसका अधिकृत रूप से ऐलान नहीं किया.

खबरों के मुताबिक बीएसपी ने कांग्रेस के सामने दस सीटों की मांग रखी है, जबकि कांग्रेस जांजगीर- चांपा जिले की मात्र दो विधानसभा सीट देने को तैयार है. माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे के बारे में दो तीन दिनों बाद कोई ठोस फैसला होगा, जिसमें कांग्रेस बीएसपी को पांच सीट देने के लिए राजी हो सकती है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक समीकरण और जनाधार को देखते हुए बीएसपी के नेता कम से कम दस सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं. इसे लेकर भी  बीएसपी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. इसके चलते पार्टी को सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करना पड़ा.  

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BSP की पूर्व विधायक का प्रदेश प्रभारी पर आरोप

इसी बीच बीएसपी की पूर्व महिला विधायक कामदा जोल्हे ने बैठक में यह कहकर सबको हैरान कर दिया कि बीएसपी के प्रदेश प्रभारी ने उनसे अश्लील बातें कीं और उन्हें गोवा ले जाने की पेशकश की. उनके इस आरोप को पार्टी के नेताओं ने जैसे ही बेबुनियाद करार दिया, वैसे ही बैठक में बवाल मच गया और यह बैठक स्थगित हो गई.

दरअसल विधानसभा चुनाव के टिकट को लेकर बहुजन समाज पार्टी में मारामारी मची है. बीएसपी प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ के सामने ही टिकट के दावेदारों ने जमकर हंगमा किया. पूर्व विधायक कामदा जोल्हे एक वरिष्ठ पदाधिकारी की शिकायत करते हुए मंच पर बड़े आपत्तिजनक आरोप लगाए और रोने लगीं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि यह वरिष्ठ पदाधिकारी पार्टी की महिलाओं को अपने साथ गोवा घूमने जाने के लिए कहते हैं. कामदा जोल्हे को इस दौरान चुप कराने की भी कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कहा कि- मैंने इस मामले की शिकायत एक महीने पहले प्रदेश प्रभारी अशोक सिद्धार्थ से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

'पार्टी जिसे टिकट देगी, उसे जिताना होगा'

बता दें कि बीएसपी के प्रदेश प्रभारी पिछले तीन दिनों से यहां दौरे पर हैं. बिलासपुर और सारंगढ़ का दौरा करने के बाद सिद्धार्थ ने पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक ली थी. इस बैठक में हंगामे से पहले चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. स्थानीय नेताओं को समझाते हुए अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि पार्टी जिसे टिकट देगी, हमें उसे जिताना होगा.

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उन्होंने कहा कि बीएसपी का जनाधार बढ़ाने का यह बेहतर अवसर है, हम एकजुट होकर ही इस चुनाव में सत्ता की चाबी हासिल कर सकते हैं. बैठक चल ही रही थी कि इसी दौरान समर्थकों के साथ पहुंचे टिकट के दावेदारों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई, कुछ लोग तो गाली-गलौज और हाथापाई पर उतर आये.

इस बीच पूर्व विधायक कामदा जोल्हे के माइक हाथ में लेकर बैठक का माहौल बदल दिया. कामदा जोल्हे ने पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के खिलाफ जैसे ही खुलकर बोलना शुरू किया, बैठक में बवाल मच गया. फिलहाल बैठक तो खत्म हो गई, लेकिन पार्टी का कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर रहा है. अशोक सिद्धार्थ ने इस बात से इंकार किया कि बैठक में उनके किसी पदाधिकारी पर कोई गंभीर आरोप लगे हैं. उधर कामदा जोल्हे ने भी अपनी शिकायत को लेकर मीडया से चर्चा नहीं की.

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