सात हजार करोड़ के कोयला घोटाले में SECL के पूर्व जीएम समेत चार अफसरों को जेल की हवा खानी पड़ी है. रायपुर में मामले की सुनवाई के बाद CBI कोर्ट ने आरोपी अफसरों की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी. अदालत के फैसले के बाद आरोपी अफसरों को रायपुर के सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.
ये है पूरा मामला
साल 2013-14 में अंबिकापुर जिले के विश्रामपुर इलाके में आमगांव की कोयला खदान में बड़े पैमाने पर कोयले की अफरा-तफरी पायी गई थी. SECL के तत्कालीन जनरल मैनेजर एस के रानू के निर्देश पर कई अफसर कोयले की दलाली में जुटे थे. रोजाना सैकड़ों ट्रक कोयला अवैध रूप से खदानों से निकलता और प्राइवेट कारोबारियों के ठिकानों पर चला जाता. एक दिन CBI ने छापा मारकर उत्पादन से अधिक कोयला और उसका परिवहन पाया. मौके से बड़े पैमाने पर कोयले की अफरा-तफरी के दस्तावेज भी जब्त किए गए. CBI ने SECL के तत्कालीन जीएम एस के रानू समेत चार अफसरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था.
आरोपियों की नहीं चली
भ्रष्टाचार के इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी अफसरों ने नामी वकीलों के जरिये अपना पक्ष रखा. जमानत के लिए कई तरह के तथ्य रखे गए, लेकिन CBI अफसरों ने अदालत के समक्ष भ्रष्टाचार और कोयले की अफरा-तफरी के सबूतों का अंबार लगा दिया. सीबीआई जज पंकज जैन ने सुनवाई पूरी होने के बाद आखिरकर आरोपियों की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी.