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हाथियों के लिए अंडरपास, सांपों के लिए पाइप, हाईवे के नीचे जानवरों के लिए बनेंगे खास रास्ते

छत्तीसगढ़ के रायपुर से झारखंड के धनबाद तक 627 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है. सड़क निर्माण में कुछ हिस्सा सघन वनों का शामिल है. ऐसे में जंगली जानवरों को परेशानी न हो इसलिए सरकार ने सांपों और जंगली वन्य प्राणियों के सुगम आवागमन के लिए खास इंतजाम की योजना बनाई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

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भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनेगी सड़क
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनेगी सड़क

छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के भारत माला प्रोजेक्ट के तहत सड़क में पहली बार सांपों और जंगली वन्य प्राणियों के सुगम आवागमन के लिए विशेष किस्म की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. इस सड़क मार्ग में जंगली हाथियों की आवाजाही के लिए भी खास प्रावधान रखा गया है. इससे वन क्षेत्र की सड़कों में भारी वाहनों की चपेट में आकर सांपों सहित वन्य जीवों की मौत के मामलों में प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा. 

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छत्तीसगढ़ के रायपुर से झारखंड के धनबाद तक सड़क निर्माण

भारत माला प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी डी पार्लावार ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर से झारखंड के धनबाद तक 627 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में 384 किलोमीटर और झारखंड में 243 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है. इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में विकसित की जा रही इस सड़क में कोरबा जिले के उरगा से जशपुर नगर जिला के पत्थलगांव तक 87.54 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान रखा गया है.

सघन वनों का है 30 फ़ीसदी हिस्सा

उन्होंने बताया कि उरगा से पत्थलगांव तक 2261 करोड़ रुपये इस परियोजना में खर्च किए जाएंगे. मुआवजे की राशि को घटाने के बाद सड़क निर्माण कार्य में 1660 करोड़ का खर्च आएगा. पार्लावार ने बताया कि उरगा से पत्थलगांव के बीच प्रस्तावित 87.54 किलोमीटर लंबी सड़क में 30 फ़ीसदी हिस्सा सघन वनों का शामिल है. सड़क में आ रहे वन क्षेत्र का वन विभाग के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों की संस्था "वी द फॉरेस्टर वेलफेयरस सोसायटी" ( we the forester's welfare society ) से विस्तृत सर्वेक्षण कराने के बाद ड्राइंग डिजाइन तैयार कराया गया है. 

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"नाग लोक" में हाईवे का निर्माण

उन्होंने बताया कि इस सड़क मार्ग में जशपुर नगर जिला का तपकरा क्षेत्र भी शामिल है जिसे "नाग लोक" के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा इस मार्ग के सघन वनों में बड़ी संख्या में जंगली हाथी सहित विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी बड़ी संख्या में हैं. पार्लावार के मुताबिक, केंद्र सरकार ने नई परियोजनाओं की योजना बनाते समय पारिस्थिति के संतुलन सहित पर्यावरण संरक्षण और मानव सहित सभी प्राणियों की सुरक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दिया हुआ है. 

सांपों के लिए लगेंगे ह्यूम पाइप

केंद्र सरकार के निर्देश को ध्यान में रखकर उरगा से पत्थलगांव के बीच सड़क निर्माण कार्य की ड्राइंग डिजाइन बड़ी सावधानीपूर्वक बनाई गई है. इस फोरलेन सड़क की जद में आ रहे 30 फीसदी वन क्षेत्र में सांपों की आवाजाही के लिए प्रत्येक 500 मीटर में ग्राउंड लेवल पर ह्यूम पाइप से रास्ता बनाया जाएगा. दरअसल इस मार्ग पर आए दिन वाहनों के चक्कों के नीचे आकर सैकड़ों सांपों की मौत हो जाती है. उनके लिए सड़क के नीचे रास्ता बन जाने से सांप की मृत्यु की घटनाओं में रोक लग सकेगी. इसी तरह इस मार्ग में छोटे-छोटे वन जीवों की भी आए दिन वाहनों की चपेट में आकर मौत हो जाती आई. इस तथ्य को ध्यान में रखकर ह्यूम पाइप के दोनों हिस्सों में छोटे वन्य प्राणियों के लिए भी कम ऊंचाई के 4 फिट लम्बे और 4 फिट चौड़े प्लेटफार्म बनाये जाएंगे. 

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सांपों के निकलने के लिए लगेंगे पाइप
सांपों के निकलने के लिए लगेंगे पाइप

हाथियों के लिए खास अंडरपास

पार्लावार ने बताया कि कोरबा रायगढ़ जशपुर जिले के वन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जंगली हाथी भी विचरण करते रहते हैं. सड़क में आने वाले 30 प्रतिशत वन क्षेत्र में ऐसे 12 स्थान चिन्हित किए गए हैं जो जंगली हाथियों द्वारा लगातार आवागमन के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं. इन सभी 12 स्थानों पर 12 मीटर ऊंचे अंडर पास बनाए जाएंगे जिनके जरिए जंगली हाथी सड़क को नीचे के हिस्से से आसानी से पार कर सकेंगे. कई अवसरों पर जंगली हाथियों के समूह सड़क पर एकत्र होकर बैठ जाते हैं और लंबे समय तक सड़क की दोनों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. कई बार जंगली हाथी सड़क पर चल रहे राहगीरों पर हमला भी कर देते हैं और वाहनों को क्षति पहुंचा देते हैं, लेकिन उनके मार्ग पर अंडर पास बन जाने के बाद ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकेगी.

हाथियों के लिए बनेंगे अंडरपास
हाथियों के लिए बनेंगे अंडरपास

उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे की इस इकोनामिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ हो जाएगा. रायपुर- धनवाद इकनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है और रायपुर से कोरबा के बीच बड़े हिस्से में कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

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(इनपुट-गेंदलाल शुक्ल)


 

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