छत्तीसगढ़ में राज्योत्सव के साथ ही धान और मक्का खरीदी का अभियान शुरू कर दिया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि राज्य स्थापना की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर को मनाए जाने वाले राज्योत्सव 2012 के साथ-साथ धान खरीदी का लगभग साढ़े तीन महीने तक चलने वाला अभियान भी शुरू हो जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप राज्य के किसानों का एक-एक दाना धान समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. चालू खरीफ विपणन वर्ष 2012-13 में राज्य की एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के एक हजार 895 उपार्जन केन्द्रों में इस बार 68 लाख 55 हजार टन धान की अनुमानित आवक के हिसाब से सभी तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं. इस अनुमानित लक्ष्य के अनुसार धान की 40 लाख टन धान का उठाव राइस मिलों द्वारा सीधे सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों से किया जाएगा. शेष 28 लाख 55 हजार टन धान का भंडारण 64 विभित्र संग्रहण केन्द्रों में किया जाएगा.
प्रदेश के सभी 27 जिलों के लिए धान उपार्जन और उसकी मिलिंग की जिलेवार कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है. समितियों में 10 हजार टन मक्का भी समर्थन मूल्य पर खरीदने का अनुमानित लक्ष्य है. सभी उपार्जन केन्द्रों में भारत सरकार के निर्धारित मापदंडों के अनुसार औसत अच्छी किस्म के धान और मक्के की खरीदी की जाएगी. राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री पुत्रूलाल मोहले ने बताया कि इन उपार्जन केन्द्रों में किसानों को इस खरीफ विपणन वर्ष के लिए घोषित समर्थन मूल्य के अनुरूप कॉमन धान के लिए एक हजार 250 रुपये और धान (ए-ग्रेड) के लिए एक हजार 280 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य दिया जाएगा.
धान के साथ मक्के की भी खरीदी होगी, जिसका समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल एक हजार 175 रुपये घोषित किया गया है. धान और मक्के की यह कीमत इस खरीफ विपणन वर्ष के लिए केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई है. मोहले ने बताया कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ की समितियों के उपार्जन केन्द्रों में धान की नकद खरीदी 1 नवंबर 2012 से 31 जनवरी, 2013 तक और ऋणी किसानों से लिंकिंग प्रक्रिया के तहत धान खरीदी एक नवंबर से 15 फरवरी, 2013 तक होगी। मक्के की खरीदी भी एक नवंबर 2012 से शुरू होगी, लेकिन यह 30 मई, 2013 तक चलेगी.