केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार वीआईपी कल्चर को खत्म करने का दावा करती है, लेकिन लगता है कि अभी भी कई नेताओं पर इसका खुमार चढ़ा हुआ है. छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार के मंत्री ने भी अपने मंत्री पद का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की. उन्होंने कई सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की एक टीम की ड्यूटी अपने बेटे की शादी में लगवा दी. वहीं रायपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से इसे लेकर चिट्ठी भी लिखवा डाली.
स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि राम सेवक पैकरा के बड़े पुत्र लवकेश पैकरा की शादी को लेकर डॉक्टरों की व्यवस्था करने को कहा गया था. जिसके बाद इसकी कड़ी निंदा की जा रही है.
समारोह में नहीं आए डॉक्टर
रायपुर के एक रिसोर्ट में शादी समारोह का आयोजन किया गया था. सोमवार रात के इस आयोजन में मुख्यमंत्री से लेकर संतरी तक शामिल हुए, वीआईपी और अफसरों का जमावड़ा रहा, लेकिन मेडिकल टीम नदारद रही. यानी कोई भी डॉक्टर वहां नजर नहीं आया.
आदेश जारी करने वाले रायपुर CMO डॉक्टर एके शांडिल्य के मुताबिक, प्रोटोकॉल के तहत ये निर्देश जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि मेडिकल टीम को समारोह स्थल में नहीं, बल्कि रायपुर के जिला अस्पताल में तैनात किया गया था. ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी समय पर मदद ली जा सके. हालांकि सीएमओ ने अपने निर्देश में लिखा था कि विवाह आयोजन स्थल पर ही पूरे समय तक डॉक्टर अपनी टीम के साथ मौजूद रहेंगे.