छत्तीसगढ़ के आदिवासी गांव में शराब पीना या बनाने का जुर्माना एक नारियल देकर चुकाना पड़ता है. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पंचायत ने ये नया नियम बनाया है.
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक आदिवासी गांव के सरपंच शनिचरण मिंज का कहना है कि 'गांव में चावल की बनी शराब काफी प्रचलित है. लोग सुबह से ही इसको पीना शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं अब तो गांव के युवक और बच्चे भी शराबी बन गए हैं. जुर्माने के एवज में नारियल देना काफी अटपटा लग सकता है लेकिन इसके पीछे जगहंसाईं का भाव छिपा है. और अगर जुर्म को दोहराया जाएगा तो पुलिस में शिकायत दर्जड करवाने का भी नियम है.'
मिंज बताते हैं कि 'गांव में बिजली और मनोरंजन के अभाव के कारण वक्त बिताने के लिए लोग समूह में बैठकर शराब पीते हैं और बातें करते हैं. गांव में शराब पर पाबंदी लगाना बड़ा ही मुश्किल काम है.'