छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी डोंगरगढ़ की प्रसिद्ध पहाड़ी में आग लगने से सौ से ज्यादा दुकानें जलकर ख़ाक हो गईं. हालांकि जन-हानि की कोई सूचना नहीं मिली है. आग की चपेट में आईं ज्यातर दुकानें फूल-मालाओं, गिफ्ट आइटम और खाने-पीने की वस्तुओं से सुसज्जित थीं.
पहाड़ियों में दौड़-भाग कर कई लोगों ने अपनी जान बचाई. बताया जा रहा है कि दोपहर के वक्त एक के बाद एक दुकानों में अचानक आग फैलते चली गई. पहाड़ियों में तेज हवाएं चल रही थीं, इसलिए ज्यादातर दुकानें आग की चपेट में आ गईं. आग से पहाड़ी में लगे सैकड़ों पेड़-पौधे भी जल गए. चूंकि दिन का वक्त था, इसलिए लोगों को आग से बचने का मौका मिला गया, वरना कई लोगों की जान भी चली जाती.
डोंगरगढ़ की पहाड़ी में आग लगने के बाद राहत का और बचाव का काम भी तेजी से शुरू हुआ. हालांकि फायर ब्रिगेड को पहाड़ी तक पहुंचाने में बड़ी कठिनाई उठानी पड़ी. लेकिन मौके पर मौजूद तीर्थ यात्रियों और दुकानदारों ने फ़ौरन मंदिर के नलों से पानी की सप्लाई शुरू कर दी.
इससे और अधिक दुकानों में आग नहीं फ़ैल पाई. पहाड़ी के जिस हिस्से में आग लगी, वहां से बम्लेश्वरी देवी का मंदिर महज पांच-सौ मीटर ऊपर की ओर है. फिलहाल फायर ब्रिगेड का अमला और स्थानीय प्रशासन के अफसर आग लगने के कारणों की जांच में जुटे है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि लकड़ी और बांस से निर्मित फूल मालाओें की दुकान में शॉर्ट सर्किट की वजह से पहले आग लगी और फिर तेज हवाओं के चलते और भी कई दुकानें आग की चपेट में आ गई.