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रायगढ़ सीट: बीजेपी-कांग्रेस में आंतरिक कलह, अग्रवाल बचा पाएंगे अपना किला?

छत्तीसगढ़ की रायगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों गुटबाजी का शिकार है. हालांकि ये कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन अभी यहां बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में इस बार मुकाबला कांटे का माना जा रहा है.

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रौशन अग्रवाल और रमन सिंह
रौशन अग्रवाल और रमन सिंह

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छत्तीसगढ़ की रायगढ़ विधानसभा सीट हमेशा से ही कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. बीजेपी यहां महज दो बार ही अपना परचम लहरा पाई है. इस वजह से इसे कांग्रेस की सुरक्षित सीट माना जाता है, लेकिन मौजूदा समय में बीजेपी का कब्जा है. पिछले पंद्रह सालों से इस विधानसभा की तस्वीर बदली है और इस सीट पर वोटर प्रत्याशी की छवि देखकर उसे चुनती है लेकिन इस बार यहां पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

रायगढ़ विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां गुटबाजी की शिकार हैं. इसी गुटबाजी का नुकसान बीते नगरीय निकाय चुनाव में दोनों ही दलों को उठाना पडा था. इसी का नतीजा था कि नगर निगम में मतदाताओं ने किन्नर प्रत्याशी को मेयर का ताज पहनाया.

2013 के चुनाव नतीजे

बीजेपी के रोशन अग्रवाल को 91045 वोट मिले थे.

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कांग्रेस के शक्राजीत नायक को 70453 वोट मिले थे.

2008 के परिणाम

कांग्रेस के शक्राजीत नायक  को 72054 वोट मिले थे.

बीजेपी के विजय अग्रवाल को 59110 वोट मिले थे.

2003 के नतीजे

बीजेपी के विजय अग्रवाल को 52310 वोट मिले थे.

कांग्रेस के कृष्ण कुमार को 43871 वोट मिले थे.

रायगढ़ का सियासी सफर

छत्तीसगढ़ के गठन से पहले रायगढ़ मध्य प्रदेश में आती थी. 1952 में यहां से कांग्रेस के बैजनाथ मोदी विधायक चुने गए. 1957 में रामकुमार अग्रवाल ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता. इसके बाद 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और निरंजन लाल शर्मा ने चुनाव जीता.1967 में रामकुमार अग्रवाल ने एक बार फिर प्रजासोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता.

पांच बार ये रहे विधायक

रायगढ़ सीट पर 1972 और 1977 का चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रामकुमार अग्रवाल ने जीत हासिल की.  इसके बाद 1980 से 1998 तक कुष्ण कुमार गुप्ता ने कांग्रेस के टिकट पर लगातार पांच चुनाव यहां से जीते. लेकिन राज्य बनने के बाद 2003 में बीजेपी ने कांग्रेस के इस किले में सेंध लगाई और विजय अग्रवाल ने कृष्ण कुमार गुप्ता को मात दी.

गुटों में बंटे दोनों दल

मौजूदा समय में कांग्रेस बीजेपी दोनों रायगढ़ में गुटबाजी का शिकार है. बीजेपी कई धड़ों में बंटी हुई है, लेकिन दो गुट प्रमुख हैं. पहला गुट है मौजूदा विधायक रोशनलाल अग्रवाल का, दूसरा गुट पूर्व विधायक विजय अग्रवाल का है. बीजेपी की तरह कांग्रेस का भी कमोबेश यही हाल है. रायगढ़ में कांग्रेस धड़ा वर्तमान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जयंत ठेठवार का है तो दूसरा गुट पूर्व अध्यक्ष नगेन्द्र नेगी और पूर्व महापौर जेठूराम मनहर का है.

छत्तीसगढ़ के समीकरण

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

रमन की हैट्रिक

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.

2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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