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छत्तीसगढ़ के CM रमन सिंह के सामने होगी सबसे बड़ी चुनौती, मैदान में 40 उम्मीदवार

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले चरण के लिए 421 उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन दाखिल किया, जिसमें 190 आवेदन खारिज हो गए. इस चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री रमन सिंह को मिल रही है.

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मुख्यमंत्री रमन सिंह (फोटो-फाइल/PTI)
मुख्यमंत्री रमन सिंह (फोटो-फाइल/PTI)

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छत्तीसगढ़ में पहले दौर में होने वाले 18 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए कुल 421 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए थे. लेकिन नामांकन पत्रों के जांच में बड़ी संख्या में कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र ही रद्द हो गए.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक 231 उम्मीदवारों के नामांकन ही विधिमान्य पाए गए. राज्य के पहले चरण में होने वाले चुनाव में सबसे ज्यादा उम्मीदवार मुख्यमंत्री रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र में मैदान में उतरेंगे. रमन सिंह की राजनांदगांव विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 40 उम्मीदवार डटे हुए हैं.

हालांकि गुरुवार और शुक्रवार यानी 26 अक्टूबर तक नामांकन पत्रों की वापसी होगी. माना जा रहा है कि इन दो दिनों में बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.

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बुधवार देर रात तक निर्वाचन पत्रों की जांच का काम चलता रहा. उनकी समीक्षा के बाद 421 में से मात्र 231 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र ही सही पाए गए. 90 सदस्यीय विधानसभा के पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होना है जबकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों के लिए मतदान होगा.

190 नामांकन पत्र खारिज

छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 18 सीटों के लिए भरे गए नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 190 नामांकन पत्र खारिज हो गए, जबकि 231 नामांकन पत्रों को जिला निर्वाचन अधिकारियों ने वैध पाया. राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में 19, डोंगरगढ़ में 11, राजनांदगांव में 40, डोंगरगांव में 14, खुज्जी में 18 और मोहला-मानपुर विधानसभा सीट में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए हैं.

राज्य के पहले चरण में निर्वाचन वाले बस्तर संभाग के कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा में 14, भानुप्रतापपुर में 10 और कांकेर विधानसभा में आठ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र विधिमान्य पाए गए हैं. कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा में नौ और कोंडागांव में पांच उम्मीदवारों के नामांकन विधिमान्य घोषित किए गए हैं.

इसी तरह से नारायणपुर जिले के नारायणपुर विधानसभा के लिए आठ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र विधिमान्य मिले. इन विधानसभा सीटों में आठ उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्रों के निरस्त होने पर आपत्ति दर्ज करते हुए निर्वाचन पदाधिकारी के सामने अपील और अदालत का दरवाजा खटखटाने का ऐलान किया है.

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नक्सली मामलों में कुख्यात बस्तर जिले के बस्तर विधानसभा में छह, जगदलपुर में 25 और चित्रकोट विधानसभा में 10 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र विधिमान्य पाए गए. दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा विधानसभा के लिए 10, बीजापुर जिले के बीजापुर विधानसभा के लिए आठ तथा सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा के लिए छह उम्मीदवारों के नामांकन पत्र विधिमान्य मिले. नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर है.

क्यों हुए नामांकन खारिज

बड़ी तादात में नामांकन पत्रों के खारिज होने पर जिला निर्वाचन अधिकारियों ने इसके लिए खुद उम्मीदवारों को जिम्मेदार ठहराया है. जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक कई प्रत्याशी अलग-अलग सेटो में नामांकन दाखिल करते हैं, लेकिन कई सेटो में आवेदन आधे-अधूरे होते हैं.

बताया जाता है कि कई प्रत्याशी बी फार्म की उम्मीद में अपना नामांकन फार्म जमा करते हैं, लेकिन उसके लिए उपयुक्त प्रोफार्मा को नहीं भरते. लिहाजा जांच के दौरान ज्यादातर नामांकन फार्म आधी-अधूरी जानकारी की वजह से खारिज हो जाता  है.

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