छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मात्र जनसभा के ऐलान के बाद कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी का जादू अब खत्म हो चुका है. इसलिए उनकी रैलियों की संख्या कम कर दी गई हैं, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में मोदी ने 13 जनसभाओं को संबोधित किया था.
कांग्रेस का दावा है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह के भरोसे ही बीजेपी अपनी नैया पार करने की कवायद में जुटी हुई है. रमन सिंह रोजाना आधा दर्जन से ज्यादा जन सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि विधानसभा चुनावों का पूरा दारोमदार रमन सिंह के कंधों पर है, और पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की जन सभाओं में कटौती कर दी है. हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेता और केंद्रीय मंत्री भी विभिन्न विधान सभा क्षेत्रों में रैलियां कर रहे हैं.
मगर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर यह कहकर निशाना साधा है कि छत्तीसगढ़ में उनकी पहले जैसी आम सभाएं ना होने का कारण उनकी लगातार गिर रही लोकप्रियता और साख है. मोदी की एक मात्र सभा 9 नवंबर को बस्तर में होगी. राज्य में पहले दौर के मतदान का यह प्रचार प्रसार का आखरी दिन होगा.
पहले दौर में मोदी की एक मात्र जन सभा को लेकर कांग्रेस ने उन पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस के मुताबिक अब मोदी को सुनने के लिए पहले जैसे ना तो लोग आते हैं और ना ही अब उनका पहले जैसा जादू बरक़रार है. इसलिए सोच समझ कर बीजेपी ने उनकी जनसभाओं की संख्या कम कर दी है.
कांग्रेस की दलील से बीजेपी इत्तेफाक नहीं रखती. पार्टी का तर्क है कि मोदी बतौर प्रधानमंत्री बीते पांच सालों में कई बार राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर चुके हैं.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम का कहना है कि मोदी की जनसभाएं होंती तो कांग्रेस को फायदा पहुंचता. उनके मुताबिक बीजेपी ने सोच समझ कर पहले दौर में सिर्फ उनकी एक मात्र आमसभा रखी. यह सिर्फ खानापूर्ति है. उनकी दलील है कि बीजेपी करारी हार से बचना चाहती है. इसलिए अब मोदी को पीछे रखा जा रहा है.
उधर बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार से बचने के लिए इस तरह के मुद्दे उछाल रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के विकास के मुद्दे के सामने उनके कोई भी ना तो आरोप टिक रहे है और ना ही उसके पास कोई मुद्दे है. गौरीशंकर श्रीवास का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले तीन चार माह में कई बार राज्य का दौरा कर चुके है. इसके पहले भी वो कई विकास कार्यों की भूमि पूजन और शिलान्यास में आमसभाएं कर चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस का कोई भी आरोप सत्यता से परे है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहले दौर का चुनावी प्रचार जोर पकड़ चुका है. पहले दौर में राज्य की 18 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इन सभी सीटों पर 9 नवंबर को प्रचार थम जाएगा जबकि 20 नवंबर को दूसरे दौर का मतदान होगा. इसके लिए 17 नवंबर प्रचार का अंतिम दिन होगा.