छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर में 19 जिलों की 72 सीटों पर मंगलवार को मतदान जारी है. यहां बीजेपी, कांग्रेस और जोगी-बसपा के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं, जहां काफी कड़ा मुकाबला है.
रायपुर दक्षिण
प्रदेश की हाई प्रोफाइल मानी जाने वाली सीटों में रायपुर दक्षिण का नाम आता है. बीजेपी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल यहां से फिर मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस ने कन्हैया अग्रवाल पर दांव लगाया है. बृजमोहन अग्रवाल 1990 से अभी तक इस सीट से चुनाव नहीं हारे हैं. यहां से कुल 46 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से 23 यानी 50 फीसदी प्रत्याशी मुस्लिम हैं.
बिलासपुर सीट
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शहरों में से एक और राज्य की हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाली बिलासपुर विधानसभा सीट हमेशा से बीजेपी का गढ़ रही है. यहां से बीजेपी के अमर अग्रवाल 4 बार जीते. वह इस समय राज्य सरकार में कद्दावर मंत्री हैं. इस बार कांग्रेस ने शिक्षाविद शैलेष पांडेय को उनके खिलाफ उतारा है. ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
बिल्हा सीट
छत्तीसगढ़ की वीआईपी सीटों में एक सीट बिल्हा भी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, जोगी कांग्रेस से सियाराम कौशिक और कांग्रेस से पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला मैदान में हैं. राजेंद्र और सियाराम एक-दूसरे के वोट काट गए तो धरमलाल को फायदा मिल सकता है. शुक्ला को अंबालिका साहू की बगावत का भी सामना करना है. यानी कांग्रेस के लिए साहू वोट खतरे में पड़ सकता है. यहां मुकाबला पूरी तरह त्रिकोणीय नजर आ रहा है.
मरवाही सीट
प्रदेश की मरवाही सीट पर सबकी निगाहें हैं. इस सीट पर अजीत जोगी मैदान में है. बीजेपी से अर्चना पोर्ते और कांग्रेस से गुलाबसिंह राज से उनका मुकाबला है. यहां की राजनीति पूरी तरह से जोगी के इर्द-गिर्द सिमटी है. यहां से अजीत जोगी दो बार और उनके बेटे अमित जोगी एक बार विधायक रहे हैं. जोगी ने ऐन वक्त पर यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान करके मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है.
अंबिकापुर सीट
सरगुजा जिले का अंबिकापुर छ्त्तीसगढ़ के पुराने शहरों में से एक है. अंबिकापुर विधानसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव का मजबूत गढ़ मानी जाती है. सिंहदेव के खिलाफ बीजेपी ने अनुराग सिंहदेव, बसपा ने सीताराम और आप ने साकेत त्रिपाठी को उतारा है. टीएस सिंहदेव लगातार दो बार से विधायक हैं, कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार भी माने जा रहे हैं.
सक्ति सीट
प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक सक्ति विधानसभा सीट है. यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत मैदान में हैं. महंत के खिलाफ बीजेपी ने मेधाराम साहू को मैदान में उतारा है. यहां कांग्रेस की मजबूत स्थिति बताई जा रही है. महंत को सीएम पद का उम्मीदवार भी माना जा रहा है.
पाटन सीट
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. इस सीट से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल चुनावी मैदान में है. उनका मुकाबला बीजेपी के मोतीराम साहू से है. जबकि पिछले चुनाव में उन्हीं के भतीजे ने कड़ी टक्टर दी थी, लेकिन बघेल को जीत से रोक नहीं सके थे.
कोटा सीट
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का कोटा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता है. यह ऐसी सीट है जिस पर 66 साल से कांग्रेस का कब्जा है. हालांकि इस बार कांग्रेस ने अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी की जगह विभोर सिंह को उतारा है तो वहीं रेणु जोगी अपने पति की पार्टी जोगी कांग्रेस से उम्मीदवार हैं.
खरसिया सीट
प्रदेश की खरसिया विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है. ये कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. बीजेपी इस सीट को कभी भी जीत नहीं सकी है. ऐसे में इस बार बीजेपी ने आईएएस रहे ओ. पी. चौधरी को उतारा है. जबकि कांग्रेस ने अपने विधायक उमेश पटेल को उतारा है. इन्हीं दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है.
चंद्रपुर सीट
जांजगीर-चांपा जिले के चंद्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव के बेटे युद्धवीर सिंह जूदेव मैदान में हैं. युद्धवीर बीजेपी से लगातार दूसरी बार जीतकर विधायक हैं और हैट्रिक लगाने के मकसद से मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने किसान नेता रामकुमार को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में बसपा से उन्होंने मिनी जुदेव को कड़ी टक्कर दी थी.
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