छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शहरों में से एक अंबिकापुर विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम सीट मानी जाती है. क्योंकि पिछले दो चुनावों में भले ही भारतीय जनता पार्टी बहुमत के साथ राज्य की सत्ता हासिल करने में कामयाब रही हो, लेकिन अंबिकापुर में वह जीत का स्वाद नहीं चख पाई.
सरगुजा जिले की अंबिकापुर विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने शहरों में से एक है. छत्तीसगढ़ में रेल कनेक्टविटी, बड़े स्कूल, अन्य चीजें मौजूद हैं. लेकिन ये क्षेत्र अधिकतर खेती पर निर्भर है, अंबिकापुर का करीब 40 फीसदी इलाका कृषि से ताल्लुक रखता है. इसलिए इन चुनावों से यहां के किसानों को बड़ी आस है.
अगर इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी को यहां आखिरी बार जीत 2003 के विधानसभा चुनाव में ही नसीब हुई थी.
2013 विधानसभा चुनाव, सामान्य सीट
टी.एस. बाबा, कांग्रेस, कुल वोट मिले 84668
अनुराग सिंह देव, बीजेपी, कुल वोट मिले 65110
2008 विधानसभा चुनाव, सामान्य सीट
टी. एस. बाबा, कांग्रेस, कुल वोट मिले 56222
अनुराग सिंह देव, बीजेपी, कुल वोट मिले 55274
2003 विधानसभा चुनाव, एसटी आरक्षित सीट
कमल भान सिंह, बीजेपी, कुल वोट मिले 65812
मदन गोपाल सिंह, कांग्रेस, कुल वोट मिले 28590
बता दें कि इस क्षेत्र में महामाया देवी की पूजा काफी बड़े स्तर पर की जाती है, महामाया देवी को अंबिका भी बुलाया जाता है जिस कारण इस शहर का नाम अंबिकापुर पड़ा.
छत्तीसगढ़ के बारे में...
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.
2013 चुनाव में क्या थे नतीजे...
2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं. 2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.