मुख्यमंत्री रमन सिंह मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. मुफ्त स्मार्ट फोन के बाद अब वह 11 लाख मनरेगा मजदूरों को मुफ्त में टिफिन मुहैया कराने जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी चाहे जितना जोर लगा ले,लेकिन वह जीतने वाली नहीं है.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य सरकार लोक लुभावन फैसले कर रही है. राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने टिफिन बांटने को चुनावी योजना करार दिया है और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चाहे जितना जोर लगा ले, लेकिन वह जीतने वाली नहीं है.मुख्यमंत्री रमन सिंह सरकार का यह "मुफ्त टिफिन" आम वोटरों का दिल जीतने के लिए लाया जा रहा है. इस योजना की शुरुआत रायपुर से ही होगी. तीन हिस्सा वाला यह टिफिन लगभग 11 लाख मनरेगा परिवारों को मुहैया कराया जाएगा. मुफ्त स्मार्ट फ़ोन के बाद आम वोटरों को साधने के लिए बीजेपी का ये नया दांव है.
विधान सभा चुनाव के चंद दिनों पहले लांच हो रही सरकार की नई-नई योजनाओं की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री हर वर्ग का ख्याल रख रहे हैं. उन्होंने मनरेगा मजदूरों की चिंता की है. ज्यादातर मजदूर रुमाल और कपड़े व पॉलीथिन में रखकर अपना खाना ले जाते थे, लेकिन अब वे सम्मानजनक तरीके से टिफिन में अपना खाना रखेंगे.
वहीं कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी लोक लुभावन योजनाओं से वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वोटर उसकी चाल समझ चुके हैं. इसलिए बीजेपी कुछ भी दे दे, लेकिन मजदूर उसे वोट नहीं देने वाले हैं. कांग्रेस विधायक और पार्टी के उपाध्यक्ष अमरजीत भगत के मुताबिक आदिवासी इलाकों से बीजेपी की विदाई तय है.
आपूर्ति की चुनौती
महीने भर में 11 लाख टिफिन जुटाना अफसरों और टिफिन बनाने वाली कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती है. तीन डब्बे वाले इस टिफिन की सप्लाई का ठेका 28 करोड़ रुपये में नागपुर की एक कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने महीने भर के भीतर ही राज्य के सभी 27 जिलों में टिफिन की आपूर्ति का वादा किया है.