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हिटलर की तरह बात कर रहे मोटा भाई-छोटा भाई, NRC पर दोनों में मतभेद: भूपेश बघेल

कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर तीखा हमला करना लगातार जारी है. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि एनआरसी के मसले पर पीएम और गृह मंत्री के बीच मतभेद है, जिसकी वजह से पूरे देश में माहौल बिगड़ा हुआ है.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (PTI)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (PTI)

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  • छत्तीसगढ़ के सीएम का केंद्र पर हमला
  • हिटलर की भाषा बोल रहे PM-HM: भूपेश बघेल
  • सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही है कांग्रेस

नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर कांग्रेस पार्टी की ओर से लगातार केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला जा रहा है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से करते हुए दोनों पर निशाना साधा है. भूपेश बघेल ने कहा कि मोटा भाई, छोटा भाई बिल्कुल उसी तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं, जो हिटलर करता था.

गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा, ‘हिटलर ने अपने भाषण में कहा था कि मुझे गाली दो, लेकिन जर्मनी को गाली मत दो. मोटा भाई-छोटा भाई भी इसी तरह की बात कर रहे हैं, बिल्कुल वैसी ही भाषा बोल रहे हैं’.

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बता दें कि इससे पहले भी कई बार कांग्रेस नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से की जा चुकी है, जिसपर भारतीय जनता पार्टी आग-बबूला हो चुकी है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि दोनों नेताओं के बीच इस वक्त CAA, NRC के मुद्दे पर मनमुटाव है, जिसकी वजह से पूरा देश पिस रहा है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के पहले पांच साल नरेंद्र मोदी के थे, लेकिन दूसरे कार्यकाल के ये सात महीने पूरी तरह से गृह मंत्री के रहे हैं.

इसे पढ़ें: केंद्रीय मंत्री आठवले ने दिए CAA में बदलाव के संकेत, कहा-सरकार ने मांगे हैं सुझाव

CAA-NRC पर हमलावर है कांग्रेस

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी केंद्र द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट का पुरजोर विरोध कर रही है. कांग्रेस की ओर से लोकसभा, राज्यसभा में भी इसका विरोध किया था और अब पार्टी शासित राज्यों में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी लाने की तैयारी में है.

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कांग्रेस शासित पंजाब में इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो चुका है, जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रस्ताव लाने की तैयारी है. इन राज्यों के अलावा केरल भी कानून के खिलाफ प्रस्ताव ला चुका है. सिर्फ सीएए ही नहीं बल्कि एनपीआर और एनआरसी के मसले पर भी कई राज्य सरकारों के द्वारा विरोध किया जा रहा है.

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