मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम घोषणाएं की गईं. इनमें सबसे खास पेंशन योजना को लेकर लिया गया फैसला है. इन फैसलों का लाभ कांग्रेस को 2023 में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिल सकता है.
राज्य सरकार और NPS खाते में जमा कर्मचारियों के डिपॉजिट में भुगतान से केंद्र के इनकार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मुश्किल समस्या का हल खोज लिया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने अप्रैल 2022 से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम या पुरानी पेंशन योजना में बने रहने का विकल्प दिया है.
अप्रैल 2022 के बाद नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना का सदस्य बनाया जाएगा. बता दें कि इस फैसले के तहत सरकारी कर्मचारियों को एक नवंबर 2004 के स्थान पर एक अप्रैल 2022 से छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि में पक्षकार बनाया जाएगा.
राज्य सरकार ने एक अप्रैल से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को एक विकल्प दिया है. 2022 एनपीएस में बने रहने या पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए कर्मचारियों को एक शपथ पत्र देना होगा.
सरकारी कर्मचारी द्वारा पुरानी पेंशन योजना का चयन करने पर एनपीएस खाते में एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक का अंशदान एवं लाभांश शासकीय खाते में जमा करना होगा. साथ ही इस अवधि के दौरान एनपीएस में जमा कर्मचारी अंशदान और लाभांश एनपीएस नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों को दिया जाएगा.
मंत्रिपरिषद के फैसले के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को भी एनपीएस में जमा सरकार के अंशदान को सरकारी खाते में जमा कराना होगा. इसने निश्चित रूप से सरकारी कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है, जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में राज्य सरकार को लाभ हो सकता है.