शहीद अर्धसैनिक बलों के जवानों की खून से सनी हुई वर्दी और जूते एक सरकारी अस्पताल के कचरे में मिलने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
एक सरकारी बयान में गुरुवार को बताया गया, 'बुधवार को रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर सरकारी अस्पताल परिसर के कचरे में शहीद जवानों की वर्दी मिलने के मामले पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए एक मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.'
रायपुर उप-प्रभागीय मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार अग्रवाल को मामले की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
जांच में तीन बातों पर ध्यान दिया जाएगा, शहीद जवानों की वर्दी नष्ट करने की प्रक्रिया क्या थी, इसको नष्ट कैसे किया गया, और इस मामले के लिए जिम्मेदार कौन है.
यह मामला स्थानीय अधिकारियों की निहायत असंवेदनशीला को प्रदर्शित करता है. इस मामले ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को शर्मिदा करने वाली स्थिति में ला खड़ा किया है.
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कचरे में पड़ी शहीदों की वर्दियों को उठाया और उन्हें रायपुर स्थित अपने प्रदेश मुख्यालय में ले गई. कांग्रेस ने इन वर्दियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपने के पहले पुष्पांजलि अर्पित की.
मामले के तूल पकड़ने और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के रमन सिंह को फोन करने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए. राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मामले की जांच कराकर उन दोषियों का पता लगाने के लिए कहा है जिन्होंने सुकमा जिले के नक्सली हमले में शहीद हुए 14 सीआरपीएफ जवानों का अपमान करने की हिम्मत की.
इनपुट-IANS