छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पावर शेयरिंग को लेकर मचे सियासी घमासान को खत्म करने के लिए पार्टी शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के एक दिन बाद बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अलग-अलग संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिले.
भूपेश बघेल अमूमन दिल्ली आकर मीडिया से मुखातिब होते थे, लेकिन इस बार वो पार्टी में मची उथल-पुथल को लेकर किसी भी तरह के सवाल से बच रहे हैं. वहीं, टीएस सिंहदेव भी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि, दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज को देखते हुए यह साफ है कि भले ही वो साथ-साथ तो चल रहे हों, पर उनके बीच फासले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं.
दोनों नेताओं से अलग-अलग मिले राहुल
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने भूपेश बघेल को राज्य में कांग्रेस को एकजुट करके चलने की हिदायत दी है. मंगलवार को दोनों एक साथ आए पर राहुल गांधी ने अलग-अलग मिलकर बातचीत की. पीएल पुनिया समेत तीनों नेताओं की मुलाकात राहुल गांधी के साथ लगभग 3 घंटे चली.
एक तरफ सीएम भूपेश बघेल ने लगभग डेढ़ घंटे तक राहुल गांधी के साथ बैठक की तो टीएस सिंहदेव के साथ लगभग 15 से 20 मिनट की मीटिंग रही. टीएस सिंहदेव से राहुल गांधी ने राज्य के कामकाज के बारे में चर्चा की.
बैठक के बारे में पूछे जाने पर टीएस सिंहदेव ने कहा, 'राहुल गांधी ने तमाम विषयों पर बातचीत की और कहा कि पार्टी को 2023 की तैयारी में एकजुटता से मेहनत करनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी को अपना परफॉर्मेंस बेहतर करना है, क्योंकि 2023 के बाद सीधे 2024 की लड़ाई है. ऐसे में संगठित होकर काम करने की जरूरत है.'
मामला हाथ से बाहर निकल गया
पंजाब और राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में मची खींचतान से पार्टी की लगातार किरकिरी हो रही है. ऐसे में राहुल गांधी का बुलावा नेताओं पर लगाम कसने की एक कोशिश है. पार्टी में भले ही झगड़ा चर्चा का विषय बना हो, पर नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया का कहना है कि बैठक में सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई है और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई विषय चर्चा नहीं हुई. दिलचस्प, बात यह है कि पीएल पुनिया के रहते हुए भी राहुल गांधी ने किसी वेणुगोपाल को छत्तीसगढ़ की उलझन सुलझाने का दारोमदार दिया है यानी कि मामला पीएल पुनिया के हाथ से बाहर निकल गया है।
पार्टी में खींचतान से नाखुश राहुल
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर 15 साल के बाद सत्ता में लौटी. ऐसे में वहां पर पार्टी शीर्ष नेताओं के बीच छिड़ी तू तू मैं मैं से राहुल गांधी भी नाखुश हैं. इस मद्देनजर उन्होंने सीएम भूपेश बघेल से भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.
राहुल ने साफ-साफ भूपेश बघेल से कह दिया है कि पार्टी के कुनबे को एकजुट रखना और 2023 की तैयारी करना उनकी जिम्मेदारी है. ऐसे में टीएस सिंहदेव को साथ लेकर चलें. ऐसे में अब देखना है क राहुल के दखल के बाद पावर शेयरिंग को लेकर मचा सियासी घमासान थमेगा?