पंजाब और राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) में घमासान शुरू हो गया है. मंगलवार को छतीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में उस समय हैरान कर देने वाली स्थिति बन गई जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (T. S. Singh Deo) अपनी ही सरकार से जवाब मांगते हुए सदन से वॉकआउट कर गए.
दरअसल, मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के ऊपर कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह (Brihaspat Singh) ने जो आरोप लगाए थे उसपर चर्चा हो रही थी. विपक्ष लगातार इसे मुद्दा बनाए हुए था और मंगलवार को जब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बृहस्पत सिंह के आरोप वाली एफआईआर पढ़ कर सुनाई तो टीएस सिंहदेव नाराज़ हो गए और सदन में ही उन्होंने खड़े होकर कहा कि 'जब तक राज्य सरकार इस पूरे मामले में कोई स्पष्ट जवाब नहीं देती वो खुद को इस पवित्र सदन में आने योग्य नहीं समझते'. इतना बोलकर टीएस सिंहदेव सदन से वॉकआउट करते हुए बाहर निकल गए.
सदन से बाहर आकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो टीएस सिंहदेव ने कहा कि 'मेरे बारे में और मेरे चरित्र के बारे में यहां सभी जानते हैं. मेरे माता-पिता के व्यवहार और चरित्र से सभी परिचित हैं. उसके बाद भी उन पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं. शासन की ओर से जब तक मेरे उपर लगे आरोपों के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता, मेरा इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं है'.
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कांग्रेस विधायक ने टीएस सिंहदेव पर लगाए हैं आरोप
इस पूरे हंगामे के पीछे छतीसगढ़ कांग्रेस के विधायक बृहस्पत सिंह के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाये गए आरोप हैं. बृहस्पत सिंह ने रविवार को अपनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर जमकर निशाना साधा. रामानुजगंज सीट से विधायक बृहस्पत सिंह ने शनिवार को हुए उनके काफिले पर हमले के लिए टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहराया. इतना ही नहीं बृहस्पत सिंह ने कहा कि सिंहदेव महाराजा हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं, मेरी हत्या भी करा सकते हैं. बृहस्पति सिंह ने दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की तारीफ की थी, यह सिंहदेव को पसंद नहीं आई. इसलिए मेरे काफिले पर हमला कराया गया.
(इनपुटः महेंद्र नामदेव)