scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़ में गांव-कस्बों के सहकारी बैंक होंगे बंद, चलेंगे माइक्रो ATM

छत्तीसगढ़ में किसानों को राहत देने के लिए सहकारी बैंकों की छोटी शाखाओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. इसकी जगह माइक्रो ATM की सुविधा गांव-गांव में उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य भर में सहकारी बैंकों की 264 शाखाओं को बंद कर उसे सिंगल शेड्यूल सहकारी बैंक के रूप में तब्दील किया जाएगा.

Advertisement
X
बैंक
बैंक

Advertisement

छत्तीसगढ़ में किसानों को राहत देने के लिए सहकारी बैंकों की छोटी शाखाओं को बंद करने का फैसला लिया गया है. इसकी जगह माइक्रो ATM की सुविधा गांव-गांव में उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य भर में सहकारी बैंकों की 264 शाखाओं को बंद कर उसे सिंगल शेड्यूल सहकारी बैंक के रूप में तब्दील किया जाएगा. राज्य स्तरीय बैंक खुलने से किसानों के कर्ज में डेढ़ से दो फीसदी तक की कमी आएगी. ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा करने से तमाम शाखाओं के खर्चों और अपव्यव पर रोक लगेगी. यही नहीं राज्य सरकार को ब्याज अनुदान में चालीस से पचास करोड़ रुपए की सालाना बचत भी होगी. बैंक संचालन में किसानों की अंश पूंजी की रकम भी पांच फीसदी तक कम हो जाएगी.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कैबिनेट में सहकारी बैंको के संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे किसानों के हित में राहत भरा कदम बताया है. उन्होंने कहा है कि एक राज्य स्तरीय बैंक बन जाने से किसान अब राज्य के किसी भी सहकारी बैंक से लेनदेन कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि छोटे गांव कस्बों में काम कर रहे सहकारी बैंको के कर्मचारियों की संविलयन होगा.

Advertisement

इस संसोधन से किसानों को ब्याजदरों से लेकर अंश पूंजी तक का फायदा होगा. इससे गांव-कस्बे भी माइक्रो ATM सुविधा के जद में आएंगे. इसमें राज्य सहकारी बैंकों दस हजार करोड़ की कार्यशील पूंजी का फायदा मिल सकेगा. अब देखना तो यह होगा कि क्या आम जनता वाकई इसका फायदा उठा सकेगी या फिर यह सिर्फ कागजों में ही रह जाएगा.

 

Advertisement
Advertisement